13 हजार विद्यार्थी एक साथ कर रहे जैन दर्शन का अध्ययन

जयपुर। अर्हम पाठशाला के निर्देशन में पूरे विश्व में ऑनलाइन चलने वाले संस्कार शिविर में बच्चे, युवा और बुजुर्ग जैन धर्म की शिक्षा ले रहे हैं। इसका उद्देश्य बच्चों सहित युवा पीढ़ी में शाकाहार, सदाचार और नैतिक शिक्षा के साथ जैन दर्शन के मुख्य सिद्धांतों का बीजारोपण करना है।
17 मई तक चलने वाले इस ई—शिविर में प्रात: 7.30 बजे से 10.30 बजे तक और शाम को सात बजे से 10 बजे तक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित हो रही हैं। दोपहर को तीन से शाम चार बजे तक भी प्रौढ़ कक्षा हो रही हैं।

बच्चों में संस्कार के बीच रोपित करने के लिए जयपुर के पं. टोडरमल स्मारक की तरफ से एक सप्ताह के इ-संस्कार शिविर का शुभारंभ रविवार को किया गया है।
इसमें जैन धर्म के विद्वान और समाजसेवी बच्चों को जैन दर्शन का अध्ययन कराएंगे। इस कार्यक्रम में जैन युवा फेडरेशन भी सहयोग कर रहा है। पं टोडरमल जी की 300वीं जयंती की उपलक्ष्य में जयपुर स्थित ट्रस्ट की ओर से यह विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में तीन सौ से अधिक विद्वान अध्यापन कराएंगे।
इस शिविर के अभिनव प्रयोग के कारण इसे गिनीज ​रिकार्ड आफ बुक के लिए भी नामंकित किया गया है।