2024 की तैयारी में जुटे राजनीति के दिग्गज-मुलायम की अगुआई में मोदी के खिलाफ तीसरा मोर्चा तैयार!

 नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में अभी लगभग 3 साल से कम का वक्त बचा है, इस बीच तीसरे मोर्चे को लेकर सुगबुगाहट तेज होती दिख रही है। 25 सितंबर को देशभर के बड़े नेता हरियाणा के जींद में जुटने वाले हैं। भारत के उपप्रधानमंत्री रहे देवीलाल की जयंती पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल समेत कई नेता एक मंच पर जुटेंगे। पूरी कवायद हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से हो रही है।

ओम प्रकाश चौटाला ने देवेगौड़ा और मुलायम सिंह यादव से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें रैली के लिए आमंत्रित किया है।

ओम प्रकाश चौटाला ने दो जुलाई को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद घोषणा की थी कि वह राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा मोर्चा बनाने के लिए देश भर के विपक्षी नेताओं से संपर्क करेंगे। इनेलो ने उन दलों को आमंत्रित किया है जो या तो कांग्रेस या फिर भाजपा के साथ गठबंधन में हैं।

इनेलो नेता अभय चौटाला ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और रालोद नेता जयंत चौधरी को भी इस विशाल राजनीतिक रैली के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, देवेगौड़ा और बादल ने अपने आने की पुष्टि की है कि वे देवीलाल की जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले ‘सम्मान समारोह’ में शामिल होंगे।

अभय चौटाला ने कहा, ‘गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी दलों के कई समान विचारधारा वाले नेता एक मंच पर साथ आएंगे और ऐसे मुद्दों को उठाएंगे जो लोगों से जुड़े हैं, खासकर किसानों के मुद्दे पर हमें अपनी आवाज को बुलंद करना ही होगा।

उन्होंने कहा कि जनता भाजपा और कांग्रेस का विकल्प तलाश रही है। चौटाला ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य इन सभी नेताओं को साथ लाकर देश और जनता के समग्र कल्याण के लिए तीसरा मोर्चा बनाना है।’

इन सभी बडे नेताओं की निगाहे यूपी के चुनाव पर टिकी हुई हैं क्यों कि 2024 में तीसरे मोर्चा की उम्मीदें यूपी के नतीजों पर ही केन्द्रित हैं। अगर यूपी में भाजपा सत्ता से बाहर हुई तो 2024 में होने वाले आम चुनावों में भाजपा के खिलाफ दमदारी से चुनाव लडा जा सकता है।