स्वामी प्रसाद मौर्या को सता रही बसपा की याद !

लखनऊ : प्रदेश सरकार के कददावर मंत्रियों में शुमार हैं स्वामी प्रसाद मौर्य। केशव प्रसाद मौर्य के बाद उन्हें ही भाजपा का सबसे अहम मौर्य चेहरा माना जाता है। भाजपा से पहले बसपा के अहम सिपाहियों में शामिल थे। मायावती के खास थे और पार्टी के अंदर उनकी हैसियत काफी बडी थी। बसपा छोडकर 2017 से ही भाजपा के साथ हैं लेकिन कई बार ऐसा हुआ है जब उन्हें बसपा की याद आ ही जाती है। वो कहते हैं न कि दिल की बात जुबान पर आ ही जाती है और ऐसा ही कुछ एक बार फिर हुआ है।

भाजपा ने रायबरेली में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आयोजित किया था। मंच पर नेताओं का जमघट था और माइक पर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की जुबान फिसल गई। माइक पकड़ते ही बोल गए कि बहुजन समाज पार्टी द्वारा आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में आपका स्वागत है।  यह सुनते ही कार्यक्रम में मौजूद लोग सन्न रहे गए। सभी मुस्कुराकर एक दूसरे को देखने लगे। मंच पर बैठे नेताओं ने उन्हें बताया लेकिन एक बार में वह खुद समझ नहीं पाए क्या हुआ है तो  नेताओं ने फिर बताया जब कहीं जाकर मंत्री जी ने भाजपा का नाम लिया। हालांकि, इस बीच कई कार्यकर्ता उठकर चल दिए।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आजादी की लड़ाई में प्रबुद्ध वर्ग ने अगुवाई की थी। आंदोलन में शिक्षक कूदे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को इसका नेतृत्व करने के लिए आगे आना चाहिए। प्रदेश में सौभाग्य योजना से अंधेरी बस्तियों में उजाला लाया गया। गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों के सम्मान को ऊंचा किया गया। समय-समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करके किसानों को सीधे लाभ पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सफल नेतृत्व में प्रभावी ढंग से कोरोना महामारी को रोकने में कामयाबी मिली।

आपको बता दें कि प्रबुद्ध सम्मेलन के  जरिए भाजपा ब्राहम्ण समाज के साथ साथ अन्य वर्गों को भी अपने साथ जोडे रखने की कोशिश कर रही है। ये सम्मेलन पूरे प्रदेश में आयोजित किए जा रहे हैं।