बीजेपी का विकास से किनारा और तालिबान, अब्बाजान को बनाया सियासी मुद्दा !

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों  की तैयारी में अपने ही अंदाज में जुटे हुए हैं। भाजपा ने यूपी में समाजवादी पार्टी का मुकाबला करने के लिए मोटे तौर पर तीन मुद्देां पर फोकस करना शुरू किया है। खास बात ये है कि पांच साल की सरकार चलाने के बाद भाजपा विकास पर नहीं वल्कि ऐसे तीन मुददों पर चुनाव लडने की तैयारी में दिख रही है जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। आपको बताते हैं कि ये तीन मुददे कौन- कौन से हैं। ये मुददे हैं तालिबान,अब्बाजान और राममंदिर।

सीएम योगी खुद तालिबान पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठा रहे हैं, ‘अब्बाजान’ जैसे कमेंट के जरिये मुस्लिम तुष्टीकरण से बचने की सलाह दे रहे हैं और राम मंदिर के मुद्दे से हिंदू एकीकरण का प्रयास कर रहे हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हालिया भाषणों में बार-बार इन मुद्दों का उल्लेख किया है। इसमें रविवार को कुशीनगर में दिया गया भाषण भी शामिल है। सीएम योगी ने यहां कहा, ‘क्या तालिबान का समर्थन करने वाले लोगों ने कभी तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की अनुमति दी होगी?’वहीं सीएम योगी ने कहा कि बिच्छू कहीं भी होगा वह तो डसेगा ही।

हमेशा की तरह इस बार भी राम मंदिर एक प्रमुख चुनावी मुद्दा होने जा रहा है। सीएम बार-बार अयोध्या में चल रहे निर्माण का जिक्र करते हैं और जोर देकर कहते हैं कि यह केवल बीजेपी ही है जो ऐसे भव्य मंदिर का निर्माण कर सकती है।

सीएम योगी ने खुद को भगवान राम और कृष्ण का भक्त कहने के लिए अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘क्या राम सेवकों पर गोलियां चलाने वाले लोग राम मंदिर बनाएंगे?’ मुख्‍यमंत्री ने अपने हालिया भाषणों में बार-बार कहा है कि अखिलेश यादव जैसे नेता अपने मुस्लिम वोट बैंक को ठेस पहुंचने के डर से पहले से ही मंदिरों में नहीं जाते थे। बीजेपी लोगों को यह समझाने की भी कोशिश कर रही है कि राम मंदिर के निर्माण की रफ्तार उत्तर प्रदेश में किसी भी अन्य सरकार के दौरान भी प्रभावित होगी।


समाजवादी पार्टी द्वारा कथित मुस्लिम तुष्टीकरण को लक्षित करने के लिए इस बीच कई अन्य मुद्दों को बीजेपी ने ‘अब्बाजान’ के तहत जोड़ दिया है। सीएम ने कहा कि अब्बाजान कहने वाले गरीबों के लिए भेजे गए मुफ्त राशन को खा जाते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त होकर गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों पर कब्जा कर लेते हैं। सीएम ने इस बात पर भी जोर डाला है कि सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में आतंकी कारनामों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ मामलों को छोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा।

दूसरी ओर विपक्ष के साथ साथ राजनीति के कई विद्वान इस बात पर आश्चर्य जता रहे हैं कि विकास के नाम पर वोट मांगने से आखिर भाजपा क्यों डर रही है। विज्ञापनो में विकास का दावा करने वाले सीएम योगी मंच पर आते ही विकास का नाम तक भूल जाते हैं। महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुददों पर भी सरकार के मंत्री बोलने से बच रहे हैं।