लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर है। कुल 7 चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जिसमें दो चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और तीसरे चरण का मतदान कल होना है। तीसरे चरण में सूबे की कुल 16 जिलों के 59 सीटों के लिए मतदान होगा। जिसमें तकरीबन दो करोड़ मतदाता 627 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिन ज़िलों में मतदान होगा उनमें हाथरस, फिरोज़ाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुख़ाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा शामिल हैं।
जहां तीसरे चरण का चुनाव होने जा रहा है उसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछली बार बीजेपी ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था। 2017 के चुनावों में बीजेपी ने 59 में से 49 सीटें जीती थीं, जबकि सपा नौ पर सिमट गई थी। कांग्रेस को एक सीट मिली थी और बहुजन समाज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
भाजपा और सपा दोनों ही ओर से कई दावे किए जा रहे हैं। सपा गठबंधन आसपास की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगा। हम पश्चिम में 50-58 सीटें जीतेंगे जबकि मध्य यूपी में 45-50 सीटों पर हम जीत रहे है। अमित शाह ने एक जनसभा में कहा कि-अगर किसी तरह से सपा वाली सरकार आ गई तो पूरे देश में यूपी से आतंकवादियों की सप्लाई शुरू हो जाएगी।पीलीभीत की जनसभा में सीएम योगी ने कहा- पिछले 5 सालों के दौरान कोई भी कहीं पर रामलला की जमीन पर कब्जा नहीं कर सका। और पहले जहां कब्जा हुआ था, उसे हमारी सरकार ने स्वतंत्र करा लिया। वहीं अखिलेश यादव ने कह दिया कि -जनता ने पहले और दूसरे चरण में ही गर्मी निकालने वाले लोगों की भाप निकाल दी है। अब तीसरे चरण में जनता भाजपा का धुंआ निकाल देगी।
आपको बता दें कि यह चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव चुनाव मैदान में हैं, तो एसपी सिंह बघेल और सतीश महाना जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं की भी साख दांव पर लगी है।
तीसरे चरण में सबसे बड़ा मुकाबला मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट में होने जा रहा है, जहां से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं। अखिलेश यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट से कोई प्रत्याशी नहीं देते हुए अखिलेश यादव को वॉकओवर दिया है, जबकि बीएसपी ने कुलदीप नारायण को उतारा रखा है। इस सीट से अखिलेश के लड़ने से सभी की निगाहों यहीं पर टिकी हैं।
इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से शिवपाल यादव मैदान में हैं। यह सीट शिवपाल यादव का गढ़ माना जाता है। पिछले 5 बार से यहां से शिवपाल यादव विधायक हैं। अखिलेश यादव से शिवपाल यादव की दूरी बन गई थी और शिवपाल ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी लेकिन इस बार एक साथ आ गए हैं और शिवपाल यादव जसवंत नगर की सीट पर एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जसवंतनगर सीट से युवा नेता विनय शाक्य को मैदान में उतारा है, जबकि बीएसपी ने बिजेंद्र कुमार को टिकट दिया है। वहीं, यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट पर यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवपाल यादव अपनी जीत का सिलसिला वरकरार रखते हुए कितनी बडी जीत दर्ज कर पाते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद फर्रुखाबाद सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक सुनील द्विवेदी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुमन मौर्य के साथ है।योगी सरकार के मंत्री सतीश महाना कानपुर की महाराजपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।सतीश महाना पिछले 7 बार से विधायक हैं और इस बार आठवीं बार चुनाव मैदान में है उनका मुकाबला इस बार समाजवादी पार्टी के फतेह बहादुर सिंह गिल के साथ है।
कभी बसपा के दिग्गज नेता रहे रामवीर उपाध्याय बीजेपी के टिकट पर हाथरस की सादाबाद विधानसभा सीट चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। रामवीर उपाध्याय का मुकाबला एसपी-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी से है। हाल ही में पुलिस कमिश्नर पद से वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए सीनियर आईपीएस ऑफिसर असीम अरुण कन्नौज सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। भाजपा के असीम अरुण का मुकाबला समाजवादी पार्टी के अनिल दोहरे से है।