स्वामी प्रसाद मौर्य को बंद कमरे में अखिलेश यादव ने समझाया लेकिन बाहर आते ही स्वामी ने सपाईयों को ही ललकारा

अक्सर कहा जाता है कि जबतक काबिल पदों पर नाकाबिल लोग रहेंगे तब तक देश का भला नहीं हो सकता सियासत में हालात कुछ ऐसे ही है आवाम से सरोकार के मुद्दे गायब है और नेता फिजूल के मुद्दों पर आग उगल रहे हैं  इस लिस्ट में फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य हिट हो रहे हैं राम चरित मानस पर स्वामी प्रसाद के बयान के बाद सियासी बवाल देखने को मिल रहा है सत्ताधारियों की तरफ से स्वामी का विरोधो तो हो ही रहा है अब पार्टी के भीतर से भी सुर उटने लगे ऊपर से अखिलेश यादव की भी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बात बनती नहीं दिख रही है बंद कमरे में अखिलेश और स्वामी प्रसाद की मुलाकात हुई और मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों के सामने आते ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर से आग उगली और न तो माफी मांगने को राजी दिखे और न ही पार्टी के विरोध पर वो सहमत दिखे सुनिए स्वामी ने क्या कहा

स्वामी प्रसाद की हेकड़ी अब पार्टी के लिए भारी पड़ती साबित हो रही है पार्टी के ही कई नेताओं ने सलाह दी की माफी मांगनी चाहिए तो वहीं आलाकमान में शामिल नेताओं ने इस बयान को व्यक्तिगत बयान बताकर पल्ला झाड़ लिया अब अखिलेश यादव से मिलने के बाद भी स्वामी तेवर कमजोर नहीं पड़ते जो बता रहा है कि अखिलेश यादव की हिदायत का भी असर स्वामी पर होता नहीं दिख रहा है वो खुद को अखिलेश यादव और पार्टी से भी परे मान रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य से जब सपा के ही नेताओं की तरफ से माफी मांगे जाने पर राय ली गई तो उनका साफ तौर कहना था कि किसी नेता ने मांफी मांगने के लिए नहीं कहा है और जिसने कहा है वो जाति विशेष के नेता है ऐसे में अगर अखिलेश यादव को भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने जाति विशेष का नेता करार दिया है स्वामी प्रसाद के तल्ख तेवर और सपा का असमंजस विरोधी दलों को सपा के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा दे रहे हैं जो आने वाले दिनों में बीजेपी के लिए एक हथियार बनेगा और इसपर अगर अखिलेश यादव ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो फिर सपा के लिए हालात सहज देखने को नहीं मिलेंगे