यूपी सरकार का खाता हो गया खाली, कंगाल सरकार पीड़ितों को मदद के नाम पर दे रही लॉलीपॉप !

सुनो सुनो सुनो उत्तर प्रदेश के लोगों गौर से सुनो प्रदेश में विकास का पहिला रुक सकता है क्योंकि आपकी सरकार का खजाना खाली हो चुका है जिसकी खबर खुद सरकार को भी नहीं लगी और जब तक कबर मिली तब तक कांड हो चुका था इसका खुलासा तब हुआ जब सांसद महोदय द्वारा पीड़ित को मुआवजे के तौर पर दिया गया चेक बाउंस हो गया और जब पीड़ित ने इसकी शिकायत प्रसासन से की तो फिर प्रसासन ने कुच ऐसा कह दिया जिसने तो हंगामा ही खड़ा कर दिया पीड़ित परिवार बेटे की मौत से पहले ही दुखी था ऊपर से जले पर नमक बाउंस चेक ने छिड़क दिया जब से ये खुलासा हुआ है तब से हंगामा बरपा हुआ है जहां पीड़ित परिवार सरकार की मंशा पर सवाल उटा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार और प्रसासन को पानी पी पी कर कोस रहा है

दरअसल मामला यूपी के औरैया का है जिले के डीएम चंद्र प्रकाश श्रीवास्तवपर एक पीड़ित परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं आरोप है कि चार महीने पहले एक दलित छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई से हुई मौत के एवज में पीड़ित परिवार को दिया तीन लाख का राहत चेक बाउंस हो गया है पीड़ित परिवार ने जब चेक बैंक में लगाया तो उन्हें इस बात की जानकारी हुई पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत जिले के जिलाधिकारी से लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ तक की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई अब ये मामला सोशल मीडिया पर आने पर जिलाधिकारी ने गजब का बयान जारी किया उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत नहीं हुई थी, इसलिए चेक कैंसल कर दिया गया है मामला अछल्दा थाना क्षेत्र के गांव वैशाली का है

 यहां बीते साल की 26 सितंबर को एक दलित छात्र निखिल की शिक्षक अश्वनी द्वारा पिटाई किए जाने पर इलाज के दौरान मौत हो गई थी जिसके बाद छात्र का शव जैसे ही औरैया लाया गया तब तमाम लोगों ने शव को कॉलेज के बाहर रखकर हंगामा किया पुलिस की गाड़ियों को भी आग लगा दी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की वहीं, पीड़ित परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन और जिलाधिकारी ने उन्हें प्रशासन और शासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था

आरोपी शिक्षक अश्वनी ने दलित छात्र निखिल की एक प्रश्न का जवाब गलत होने पर पिटाई की थी जहां कुछ दिन सैफई में इलाज चलने के दौरान उसकी मौत हो गई थी तब शव का पोस्टमार्टम जिला प्रशासन ने कराया था इधर,जिले में पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन हर संभव मद्दत के आश्वासन भी दिया

इटावा लोकसभा से सांसद रामशंकर कठेरिया की मौजूदगी में जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवार को 3 लाख का चेक दिया था साथ ही प्रधानमंत्री आवास देने की बात भी कही थी, लेकिन हद तो तब हो गई जब मृतक छात्र के पिता राजू प्रशासन दुवारा मिली चेक को लेकर बैंक पहुंचा और बैंक वालों ने इस चेक को बाउंस कर दिया जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत मुख्यालय में की, जब सुनवाई नहीं हुई तो लखनऊ में जाकर भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई वहीं, अब पीड़ित राजू अपने पास रखे बाउंस चेक को लेकर जिलाधिकारी पर धोखाधड़ी की बात कह कर गंभीर आरोप लगा रहा है वहीं मामले पर विपक्ष सरकार पर निसाना साधा रहा और आरोप लगा रहा है कि सरकार सस्ती लोकप्रियता के लि लोगों को रेबड़ियों की तरह चेक तो दे देती है लेकिन बाद में फिर चेक कैसिंल इसलिए किए जाते हैं क्योंकि सरकार की तारीफ तो पहले ही हो चुकी होती है