आलू बदलेगा सरकार !  अखिलेश-शिवपाल की आवाज के बाद सचेत हुए सत्‍ता में बैठे हुए किरदार

यूपी में किसान भले ही सरकार बनाने और हटाने की दम रखते हों लेकिन फिर भी किसानों के ही हक पर सरकारों से लेकर बाजारों तक में डाका डाला जाता है । आलू की फसल के भरोसे बैठे हजारों किसानों की बर्बादी की गाथा आपने भी पिछले दिनों में देखी होगी । आलू का भाव जमीन पर आने के बाद किसान दुखी परेशान और हताश नजर आ रहे हैं इस बीच प्रदेश में आलू खरीद की सरकारी दर ₹650 प्रति कुंतल की दर तय किए जाने के बाद सरकार से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव ने सवाल पूछे हैं।

अखिलेश यादव ने ट्वीट करके लिखा कि

“उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादन किसानों की समस्याएं इतनी है कि अबकी बार आलू बदलेगा सरकार”।

वही शिवपाल यादव ने लिखा कि

“सरकार का ₹650 प्रति कुंतल की दर से आलू खरीदने का फरमान नाकाफी। किसानों ने ढाई हजार रुपए प्रति कुंतल की दर से बीज खरीदें।

उप्र राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाफेड) को पहले चरण में सात जिलों में क्रय केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कोल्ड स्टोरेज संचालकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर कहा जा रहा है कि आलू के भंडारण में कोई परेशानी न की जाए। सरकार अब 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू खरीदेगी।

पहले चरण में फर्रुखाबाद, कौशांबी, उन्नाव, मैनपुरी, एटा, कासगंज तथा बरेली यानी सात जिलों में आलू क्रय केंद्र स्थापित कर खरीद शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। आलू के दाम लगातार गिर रहे हैं। इस साल 6.94 लाख हेक्टेअर भू-भाग में आलू की बोआई हुई। 242 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आलू की पैदावार होने का अनुमान है। रकबा और पैदावार दोनों ही बढ़े तो आलू के दाम गिर गए। कोल्ड स्टोरों में जगह न होने के कारण आलू सीधा मंडियों में पहुंचा, जिसका परिणाम यह रहा कि आलू का रेट जमीन पर आ गया। इसका एक बड़ा कारण यह भी रहा कि आलू की अगैती फसल कम हुई।