इस यादव महिला ने पूरी दुनियां के सामने पेश की मिसाल तो पीएम मोदी तक को करनी पड़ी तारीफ

देश में अब महिला शक्ति को लगातार पहिचान मिल रही है संसद से लेकर सडक तक और सेना से लेकर रेलवे तक में महिलाओं की ताकत लगातार दम भर रही है । इस बीच रेलवे में महिलाओं के लिए आदर्श बन चुकीं सुरेखा यादव का नाम एक बार फिर से चर्चाओं में है !

एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस की जिम्मेदारी संभालकर एक बार फिर से अपना लोहा मनवाया है !

उन्होनें वंदे भारत ट्रेन को सोलापुर से सीएसएमटी तक चलाया. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनर्स के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सुरेखा यादव का इस दौरान जोरदार स्वागत किया गया.  सुरेखा यादव ने कहा कि नए युग की अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित वंदे भारत ट्रैन को चलाने का अवसर देने के लिए  आभार वक्त किया . ट्रैन सही समय पर सोलापुर से चली और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंच गई. सुरेखा यादव ने कहा कि नए युग की अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित वंदे भारत ट्रैन को चलाने का अवसर देने के लिए आभार वक्त करती हूं. ट्रैन सही समय पर सोलापुर से चली और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंच गई. ट्रैन चलाने हेतु सीखने की प्रक्रिया में सिग्नल का पालन करना, नए उपकरणों पर हाथ आजमाना, अन्य चालक दल के सदस्यों के साथ समन्वय, ट्रैन चलाने के लिए सभी मापदंडों का पालन करना शामिल है.

महाराष्ट्र के सातारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रैन ड्राइवर बनी थी और उनकी उपलब्धियों के लिए, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.पिछले साल से अब तक देश को 10 नई आधुनिक ट्रेन्स का तोहफा दिया गया है. मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई वंदे भारत ट्रेन देश से अलग-अलग राज्यों में शुरू की गई है और लोगों की पसंद भी बनी है. ऐसे में महाराष्ट्र के लोगों को भी 2 वंदे भारत ट्रेनों का तोहफा कुछ समय पहले दिया गया था, शिरडी और सोलापुर के लिए वंदे भारत ट्रेन चालू की गई है.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरेखा यादव की प्रशंसा की और एक ट्वीट करते हुए लिखा, वंदे भारत – नारी शक्ति द्वारा संचालित. श्रीमती सुरेखा यादव, वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट

आपको बता दें कि हाल ही में टाटा स्टील ने भारतीय रेलवे के साथ एक समझौते के तहत अगले एक साल में 22 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनाने की घोषणा की है. रेल मंत्रालय ने अगले दो वर्षों के लिए 200 वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है.