अखिलेश का दोस्ताना लिखेगा अफसाना, पश्चिमी यूपी में जयंत ने संभाली कमान तो बीजेपी हो गई परेशान !

पूर्वांचल से लेकिर पश्चिमी यूपी तक बीजेपी के लिए हालात करो या मरो के बन रहे हैं पूर्वांचल में जहां सपा ने हालत खराब कर रखी हैं तो वहीं पश्चिमी यूपी में बीजेपी के लिए जयंत चौधरी ने चक्रव्यूह बना दिया दिया है बीजेपी ऐसे चक्कर में फंसी है कि हालात करो या मरो के बन रहे हैं एक तरफ जयंत चौधरी गदर काट रहे हैं तो दूसरी तरफ राकेश टिकैत नाम की बला ने बीजेपी की बखिया उधेड़ना फिर से शुरू कर दिया है कहने को बीजेपी का दावा है कि उत्तर प्रदेश की सारी की सारी सीटों पर उसका कब्जा होगा लेकिन हकीकत देखी जाए तो अखिलेश यादव के दोस्ताना के सामने बीजेपी का टिक पाना मुश्किल हो रहा है रही सही कसर जयंत चौधरी के आखिरी दांव ने कर दी जिससे बीजेपी की खटिया खड़ी दिख रही है बताएंगे जयंत के चक्रव्यूह में कैसे बीजेपी फंसी है और कैसे राकेश टिकैत ने बीजेपी के लिए हालात और बिगाड़ दिए हैं लेकिन पहले आप बताएं कि क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी को नाकों चने चबाने पड़ेंगे आपकी राय क्या है हमें कमेंट करके जरूर बताएं

बात करें आगामी लोकसभा चुनावों की तो मिशन 2024 से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तमाम सियासी दलों ने युद्धाभ्यास शुरू कर दिया विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ चक्रव्यूह रच रहे हैं और बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रहें हैं लखनऊ और दिल्ली से सियासी हवा का रुख पश्चिमी यूपी की तरफ है दल भले ही अलग अलग हैं लेकिन सभी का मकसद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाना है यानी साफ है पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर हर दल की पैनी नजर है और सपा-रालोद यहां पूरी ताकत झोंक रहें हैं और रही बाकी कसर भाकियू पूरी कर रही है सियासत के लिहाज से यूपी देश का सबसे बड़ा सूबा है, लेकिन इस सूबे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश ये तय करता है दिल्ली और लखनऊ में सरकार किसकी बनेगी मिशन 2024 को लेकर विपक्ष ने इसी पश्चिमी यूपी की धरती से बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोल दिया है आरएलडी मुखिया और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी पश्चिम यूपी की फतह की उम्मीद को लेकर निकल पड़े हैं पश्चिमी यूपी के शामली जिले में किसान के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की प्रतिमा का अनावरण शामली में एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है चौधरी चरण सिंह की नीतियों और विचारों के बीजों को अंकुरित कर पुर्जे दौर में लौटने की जयंत कोशिश कर रहें हैं, लेकिन इस दौरान पीएम मोदी और योगी के खिलाफ अपने बयानों में तल्खी दिखाकर वो ये भी साबित कर रहें हैं लड़ाई इस बार बीजेपी से उसी की और गठबंधन की होगी

दरअसल जयंत चौधरी ने पश्चिम में बीजेपी की मजबूत जड़ों को उखाड़ने के लिए बड़ा प्लान बनाया है जयंत पश्चिमी यूपी के 1800 गांवों का गली गली दौरा करेंगे और इस दौरान किसान, मजदूर, बेरोजगारी उनके अहम मुद्दे होंगे बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड की काट जयंत हिन्दू-मुस्लिम एकता के मुद्दे से करेंगे जयंत के 9 रत्न यानी 9 विधायक पश्चिम में आरएलडी-सपा गठबंधन की हवा बरकार रखेंगे वहीं बीजेपी के नेताओ के बयानों पर जयंत तल्ख टिप्पड़ी और तल्ख बयान देंगे

आरएलडी नेताओ का दावा है कि अब बीजेपी जाने वाली है वहीं आरएलडी की तरह भारतीय किसान यूनियन का भी पश्चिमी यूपी पर खास फोकस है जिला-जिला महापंचायत कर बीजेपी को घेर जा रहा है किसानों, नौजवानों, आवारा पशुओं, बिजली के बढ़े दामों  की समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया जा रहा है…पश्चिम में ये माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है सरकार किसानों के मुद्दे पर फेल है राकेश टिकैत एक तरफ पश्चिम यूपी में बीजेपी को घेर रहे है तो फिर दिल्ली में भी 20 मार्च को जंतर-मंतर पर घेराव कर सरकार की मुश्किल बढ़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं राकेश टिकैत का कहना है कि लड़ाई आर-पार की है और हम बम की धमकी से भी डरने वाले नहीं मिशन 2024 के लिए मेरठ में होली मिलन में 6 हजार पन्ना प्रमुख बुलाए गए थे, इसके साथ ही 16 मंडल की कमेटी, महानगर कमेटी जिला यूनिट भी आमंत्रित की गई थी इसके साथ ही सांसद, विधायक, मंत्री और कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज भी पहुंची थी

इस दौरान हर कोशिश की गई कि कार्यकर्ताओं को यहां एकजुट कर बीजेपी ताकत दिखाए उसका बड़ा संदेश जाए सियासत के लिहाज से सबसे उपजाऊ पश्चिमी यूपी में आरएलडी-सपा गठबंधन मिशन 2024 में बीजेपी की घेराबंदी को लेकर अभी से चक्रव्यूह रचने लगा है तो कांग्रेस और बसपा वक्त का इंतजार कर रही हैं ऐसे में पश्चिमी यूपी में बीजेपी के सामने चुनैतियों का पहाड़ खड़ा होना लाजिमी है सियासत के इस भवर में जनता किसका साथ देगी और किसे नकारेगी ये वक्त और हालात तय करेंगे लेकिन इतना साफ है पश्चिम का सियासी तापमान अभी से ही आसमान पर जाने लगा है और 2024 आते आते बड़े दिग्गजों के तल्खी भरे बयान माहौल में और गर्मी पैदा कर देंगे जयंत चौधरी अकेले नहीं हैं जो बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं बल्कि जयंत के साथ साथ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं और ऐसे में बीजेपी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर कैसे इस तिकड़ी का तोड़ निकाला जाए हालात बीजेपी के लिए अलार्मिंग हैं तो वहीं सपा गठबंधन इसका फायदा उठाने की पूरी तैयारी में है