सपा और बीजेपी में एक बार फिर ठनी और निर्वाचन आयोग पहुंचा मामला तो फिर देखों क्या हुआ ?

याद करिए वो जौर जब एमएलसी चुनाव के वक्त सपा के उम्मीदवारों को पीटा जा रहा था याद करिए वो दौर जब सत्ताधारियों ने महिलाओं के वदन से साड़ी तक नोंच ली थी कुछ ऐसा ही एक बार फिर यूपी में होने वाला था लेकिन सपा ने इस बार ऐसा हल्ला बोल किया कि सत्ताधारी भी सकते में हैं और मनमानी भी धरी की धरी रह गई सपा ने सीधा हल्ला बोल करते हुए मनमानी का माकूल जवाब देने का एलान तो किया ही साथ ही वो कदम उठाया जिसकी बीजेपी को उम्मीद भी नहीं थी

दरअसल उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज रहा है और बीजेपी सपा में आमने सामने की टक्कर है ऐसे में एन केन प्रकारेण चुनाव जीतने की जिद में बीजेपी ने कुछ ऐसा पुलिंदा बनाकर तैयार किया जिसे देखने के बाद सपा का माथा ठनका और फिर हालात टकराव के बन गए मनमानी रुकती न देख सपा ने निर्वाचन आयोग का रुख किया और बीजेपी की सारी प्लानिंग की हवा निकाल दी सपा ने निर्वाचन आयोग में जाकर कुछ ऐसे तथ्य रखे जिन्हे देखने के बाद आलाकमान भी हक्का बक्का रह गया सपा नेताओं ने बीजेपी पर साजिशसन सपा को कमजोर करने की तोहमत के साथ जो जो खुलासे किए हैं उनसे सियासी गदर मचा हुआ है

दरअसल मामला साधन सहकारी समितियों के चुनाव से जुड़ा है…बीजेपी कार्यकर्ताओं को जिताने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सपा ने इसकी शिकायत राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग से की सपा प्रदेश अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है पत्र में कहा गया है कि निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक साधन सहकारी समितियों के चुनाव नामांकन कार्य शुरू होना है लेकिन इटावा, मैनपुरी, लखीमपुर, सीतापुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, जौनपुर और झांसी समेत अलग-अलग जिलों में नामांकन पत्र न दिये जाने और बीजेपी कार्यकर्ताओं को निर्विरोध समितियों के निदेशक बनाने की साजिश रची जा रही है इसमें कहा गया है कि जिलों में अधिकांश चुनाव अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं हैं और नामांकन पत्र भी नहीं दिया जा रहा है

इसके अलावा चुनाव अधिकारी फोन भी नहीं उठा रहे हैं चौधरी ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि इटावा, मैनपुरी, लखीमपुर, सीतापुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, जौनपुर, झांसी सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सहकारिता चुनाव के लिए नामांकन पत्र उपलब्ध कराया जाए और नामांकन प्रक्रिया को बाधित करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित किया जाए उन्होंने बताया कि पार्टी के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के मोहन्ती से मांग की है कि जिन जिलों में नामांकन पत्र नहीं दिए गए हैं, निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों में नहीं बैठे और न ही फोन उठाया गया, ऐसे सभी जिलों में नामांकन की नई तारीख निर्धारित कर और पर्यवेक्षक भेजकर नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से कराया जाए

साधन सहकारी समितियों के चुनाव के घोषित कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन मंगलवार से शुरू हो गया और मतदान 18 मार्च को होगा उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग प्रदेश सरकार के 10 विभागों सहकारिता, दुग्ध, गन्ना, आवास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग, मत्स्य, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग और खादी एवं ग्रामोद्योग में पंजीकृत सहकारी समितियों के चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाता है ऐसे में चुनावी कार्यक्रम के एलान के बाद से ही सियासी हलचल तेज थी लेकिन बीजेपी की मनमानी पर सपा ने निर्वाचन आयोग का रुख करके सियासी पारा और बढ़ा दिया है देखना ये है कि मामले में आगे क्या फैसला निर्वाचन आयोग की तरफ से लिया जाता है