योगी जी दबंगई को खत्म करने का कर रहे दावा लेकिन उन्ही के नेता ने सरकारी अधिकारी को दे दी जान से मारने की धमकी !

बीजेपी आलाकमान हो या फिर सीएम योगी चाहे कितने भी अपने नेताओं को संस्कार सिखाए लेकिन आलाकमान और सीएम के निर्देशों की हवा निकालने में पीछे नहीं है सीएम योगी दबंगों और माफियाओं को नापने में लगे हैं लेकिन दूसरी तरफ उन्ही के नेता सत्ता की हनक में सरकारी अधिकारियों को ही निशाने पर ले रहे हैं ऐसे में अब सरकार विरोधियों के निशाने पर है दरअसल बीजेपी के एक नेता ने ARTO को खुली धमकी देते हुए हड़का दिया ऐसे में डरा हुआ ARTO अब एसपी से सुरक्षा की गुहार लगा रह हैं बताएंगे कि मामला क्या है लेकिन पहले आप बताएं कि क्या सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के सिर सत्ता का सुरूर बोल रहा है क्या सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की करतूत पर कार्रवाई लेने में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है आपकी राय क्या है हमें कमेंट करके जरूर बताएं अब बात करते हैं असल मुद्दे की तो अम्बेडकरनगर में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा पर एआरटीओ को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है

एआरटीओ बीडी मिश्रा ने कहा कि बीजेपी नेता ने फोन करके धमकी दी है इस मामले में एआरटीओ ने एसपी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है एसपी अजीत कुमार सिन्हा को दिए शिकायती पत्र में एआरटीओ बताया है कि वो 15 मार्च को वाहनों की चेकिंग कर रहे थे इस दौरान कई वाहनों को नियम के विपरीत मिलने पर ऑनलाइन चालान किया गया उसी दिन शाम को मेरे मोबाइल पर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष कपिलदेव वर्मा ने फोन कर गाली गलौज की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी एआरटीओ ने बताया कि वो कपिलदेव वर्मा की धमकी से काफी आहत और डरे हुए हैं जबकि बीजेपी नेता कपिल देव वर्मा ने कहा कि उन्होंने एक वाहन के संबंध में जानकारी के लिए फोन किया था, लेकिन जान से मारने की धमकी नहीं दी एसपी अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है

पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा अक्सर विवादों में रहते है पूर्व जिलाध्यक्ष का आलापुर तहसील के बिजली विभाग के एक कर्मचारी से विवाद हुआ था साथ में हाल में ही अलीगंज थाने में सिपाही को गाली देने का वीडियो वायरल हुआ था जिस पर एसपी के आदेश पर पूर्व जिलाध्यक्ष पर केस दर्ज हुआ है मामले के सामने आने के बाद से ही बीजेपी पर सपा के नेताओं ने निशाना साधना तेज कर दिया है और सपा नेताओं का कहना है कि वैसे तो प्रदेश की सरकार विरोधी दलों के नेताओं की गलती पर तुरंत एक्शन लेती है और जब बात अपनी पार्टी के नेताओं की आती है तो फिर सरकार मौन साध लेती है ऐसे में बीजेपी की कथनी और करनी का फर्क साफ समझा जा सकता है