राजभर और सपा में फिर हो सकती है दोस्ती, चाचा बनेंगे मंझिया और भतीजे से करवाएंगे

क्या राजभर रार भुलाकर सपा के साथ आने के लिए तैयार है क्या राजभर लोकसभा चुनाव में साइकिल पर फिर सवार होने वाले हैं और अगर शिवपाल सिंह यादव ने सुलह का प्रस्ताव दिया तो अखिलेश से हाथ मिलाने के लिए तैयार है ये सवाल कल से यूपी की सियासत में कौध रहे हैं और जवाब ओपी राजभर को देना है ठीक दो मिनट पर इन सवालों का जवाब आपको मिलेगा लेकिन ये सवाल पैदा हुए कैसे पहले उनकी बात करते हैं

दरअसल उत्तर प्रदेश की सियासती और ओम प्रकाश राजभर के दावे कभी मैच नहीं खाते लेकिन अक्सर वो अपने दावों की वजह से सियासी सुर्खियों और गठबंधनों का अहम हिस्सा बन जाते हैं बड़बोलापन कहा जाए या फिर आत्मविश्वास राजभर कुछ भी न होकर बहुत कुछ होने का ऐसा दावा करते हैं कि सियासी दलों को उनको साथ लेने की मजबूरी हो जाती है याद करिए 2022 विधानसभा चुनाव का दौर ओवैसी से दोस्ती करते करते राजभर ने अखिलेश की साइकिल की सवारी की थी लेकिन बाद में इस दोस्ती में दरार आ गई थी जो राजभर सपा की तारीफ करते थे वो बुराई करने लगे थे और फिर ऐसा हुआ कि राहें जुदा जुदा हो गईं हालांकि सपा में शिवपाल सिंह के आने के बाद अब एक बार फिर राजभर के सपा के साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन इस बीच ओपी राजभर ने ऐसा बयान दिया है जिससे सनसनी और तेज हो गई  सवाल था क्या शिवपाल सिंह के बुलाने पर अखिलेश यादव से हाथ मिलाएंगे आप और फिर जो जवाब आया उसने हर किसी को चौंका दिया

दरअसल राजभर जब पत्रकारों से बात कर रहे थे तो शिवपाल सिंह के शांति प्रस्ताव को लेकर कुछ ऐसा बोल गए कि हलचल तेज हो गई शिवपाल सिंह ने इस मौके पर सपा पर निशाना भी साधा लेकिन साथ में जो कहा उसने हलचल तेज कर दी एक निजी चैनल से बातचीत में जब ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया कि क्या चाचा शिवपाल के बुलाने पर सपा ज्वाइन करेंगे? तब उन्होंने कहा, “देखिए आज भी शिवपाल यादव दुखी हैं ऐसा नहीं है कि वो बहुत खुश हैं आपने उस दिन सदन में उनकी पीड़ा सुनी न आज भी उनके दिल में दर्द है मरहम और टैबलेट नहीं मिल पा रहा है एक बीमार आदमी दूसरे का क्या इलाज करेंगा वो नहीं कर सकते हैं सुभासपा प्रमुख ने कहा, पहले अपनी पीड़ा वो ठीक कर लें तब दूसरे की पीड़ा को ठीक करने की बात करेंगे शिवपाल यादव को मिली जिम्मेदारियों पर ओपी राजभर ने कहा, “वो कुछ नहीं कर सकते हैं अखिलेश यादव पहले अपने स्वभाव में बदलाव लेकर आएं उसके बाद फिर किसी को सुझाव दें जब वो किसी की बात मानने को तैयारी ही नहीं है उन्होंने ही कहा था कि हमको किसी के सलाह की जरूरत नहीं है

ओपी राजभर ने कहा कि लेकिन राजभर की सलाह ने उन्हें एसी से निकालकर सड़क पर खड़ा कर दिया  ये राजभर की पावर और ताकत है, जिसको दिखा दिया और वो दरदर घूम रहे हैं, नहीं तो ये एसी से नहीं निकल रहे थे  बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के साथ थे लेकिन विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद दोनों का गठबंधन टूट गया अब बीते लंबे वक्त से अखिलेश यादव पर सुभासपा प्रमुख जुबानी हमले कर रहे हैं राजभर के बयान के बाद सपाई अब एक बार फिर उनके ऊपर खफा दिख रहे हैं और राजभर को मौकापरस्त करार दे रहे हैं