अखिलेश यादव ने बताई राहुल गांधी की सदस्यता जाने की असली वजह !

इधर राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद एक्शन क्या हुआ उधर विपक्षी दलों को एकजुटता भी नजर आने लगी है। अखिलेश यादव से लेकर ममता बनर्जी तक राहुल के साथ खडे नजर आ रहे हैं इस बीच अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर बडा बयान दिया है।अखिलेश ने दावा किया कि राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराना भारतीय जनता पार्टी की एक चाल है और इसके जरिए सरकार महंगाई, बेरोजगारी और उद्योगपति मित्रों द्वारा भारत के पैसों को डुबाने जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही है ।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि

बीजेपी ने साल 2017 में प्रदेश की सत्ता में आने के बाद सपा विधायक आजम खान जैसे नेताओं के खिलाफ दर्ज फर्जी मामलों में अपनी सरकार और प्रशासन की मदद ली और उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिलवाया. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के एक दिवसीय दौरे पर आए यादव ने कहा कि अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई बीजेपी नेताओं को भी उनकी टिप्पणियों के लिए अपनी-अपनी विधायकी छोड़नी पड़ेगीआपको बता दें कि कि सूरत  की एक अदालत ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया  !

अखिलेश यादव ने ग्रेटर नोएडा में कहा, प्रदेश में बीजेपी ने कई सपा नेताओं की सदस्यता छीन ली. आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता की सदस्यता ले ली गई. अगर हम चीजों को ऐसे ही देखें तो कई बीजेपी सदस्य भी अयोग्य करार दिए जा सकते हैं. अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई बीजेपी नेता भी अपने भाषणों-टिप्पणियों के लिए आयोग करार दिए जाएंगे. उन्होंने कहा,यह जानबूझकर किया गया है ! ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, उद्योगपति मित्रों द्वारा भारत के डुबोए गए पैसों से ध्यान भटकाया जा सके वे इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं !

सपा चीफ ने आरोप लगाया कि

सत्तारूढ़ पार्टी सपा विधायकों को फर्जी मामलों में फंसाने के लिए प्रशासन की मदद ले रही है. जब से बीजेपी उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई है, तभी फर्जी मामले दर्ज कराने में प्रशासन मदद ली और बाद में कई मौके पर सरकार और प्रशासन दोनों ने मिलकर कई सपा नेताओं की विधानसभा सदस्यता छीन ली. आजम खान साहब ने अपनी सदस्यता खो दी, इसी तरह का हाल उनके बेटे अब्दुल्ला का किया गया. कानपुर में इरफान सोलंकी जैसे विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. ऐसा करने के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर से अधिकारी बुलाए गए !

अखिलेश यादव ने दावा किया, दो दिन पहले विधायक इरफान सोलंकी ने कहा था कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि बीजेपी उन्हें विधानसभा सदस्यता से अयोग्य साबित कराना चाहती है ।