छोटे नेताजी यानि अखिलेश यादव सियासी धमाकों पर धमाके कर रहे हैं हर रोज उगते सूरज के साथ अखिलेश यादव एक नई तस्वीर साझा करते हैं और तस्वीर कई सियासी दलों की हालत खराब कर देती है अब अभी दो दिन पहले ही भतीजे की शादी का जश्न मनाकर लौटी मायावती के घर में सन्नाटा पसरा है क्योंकि मायावती के सांसद के साथ अखिलेश यादव ने तस्वीर शेयर कर ऐसा धमाका किया है कि बहनजी सकते में है और सियासी तौर पर कमजोरी का एहसास कर रही है अखिलेश यादव ने जो तस्वीर शेयर की उसके बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं तस्वीर को देखने के बाद लोगों ने कहा कि लगता है अंदर ही अंदर अखिलेश यादव के साथ बीएसपी के सांसद की बात बन गई है !
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन दिनों खासा सुर्खियों में हैं अखिलेश ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी तरफ विरोधी दलों के नेताओं को भी साधने का काम जारी है कभी किसी नेता से मुलाकात करते हैं तो कभी मुलाकात की तस्वीरें सनसनी फैला देती है इसी बीच अखिलेश की एक फोटो सामने आई है, जिसने सियासी हलकों में कयासों को जन्म दे दिया है दरअसल सपा प्रमुख की एक फोटो आंबेडकरनगर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय के साथ सामने आई है इस तस्वीर पर कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं बता दें कि फोटो में सपा प्रमुख अखिलेश, बीएसपी सांसद रितेश पांडेय के साथ दिख रहे हैं गौर करने वाली बात ये भी है कि हाल ही में बीएसपी ने रितेश पांडेय को संसद में नेता पद से हटा दिया था दूसरी तरफ बीएसपी सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय ने भी हाथी की सवारी छोड़ दी थी वो भी सपा की साइकिल पर सवार हो गए थे बता दें कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव अब करीब ही हैं ऐसे में सियासी उठापटक का दौर भी यूपी कि सियासत में जल्द ही देखने को मिल सकता है कई नेता राजनीतिक दलों की अदला-बदली कर सकते हैं !
ऐसे में अखिलेश यादव के साथ फोटो वायरल होने पर अगर बीएसपी सांसद रितेश पांडेय को लेकर सियासी आशंकाए प्रकट की जा रही हैं तो ये भी संभव हो सकता है बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस, सभी अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने में जुट गई हैं जहां बीजेपी अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ कर एक बार फिर यूपी में बड़ी जीत दर्ज करना चाहती है तो वहीं सपा भी इस बार बीएसपी के विजयी रथ को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है बता दें कि दूसरी तरफ बसपा और कांग्रेस अपना पिछला लोकसभा प्रदर्शन भुला कर इस बार यूपी की सियासत में वापसी करना चाहती हैं अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में यूपी की राजनीतिक क्या करवट लेती हैं !
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