उपचुनाव का एलान होते ही सुर्खियों में फिर आजम खान !

आजम खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं और एक बार फिर बीजेपी के कान खड़े हैं चुनाव आयोग ने जब से स्वार विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तारीखो का एलान किया है तब से आजम खान भी सक्रिय दिख रहे हैं आजम खान की विधायकी रद्द हो चुकी है और बेटा अब्दुल्लाह भी विधायकी से हाथ धो बैठे में है लेकिन अब उपचुनाव में दावा किया जा रहा है कि आजम खान अपने दूसरे बेटे पर दांव लगा सकते हैं सियासी सूत्रों की माने तो आजम खान बीजेपी से बदला लेने के लिए अपने दूसरे बेटे को मैदान में उतार सकते हैं और अपनी ताकत का एहसास करवा सकते हैं बताएंगे कि आजम खान का सियासी प्लान क्या है और जो दावे किए जा रहे हैं इनकी सच्चाई क्या है लेकिन पहले जानते हैं कि आखिर स्वार सीट पर माहौल क्या है !

दरअसल रामपुर की स्वार सीट पर आजम खान का दबदबा साफ महसूस होता है  !2017, 2022 दोनों ही चुनावों में आजम के बेटे अबदुल्लाह ने जीत दर्ज की और बीजेपी ने तमाम ताकत लगाने के बाद भी हार का ही सामना किया मौजूदा वक्त की बात की जाए तो अबदुल्ला की विधायकी जाने के बाद भी यहां आजम परिवार के लिए हमदर्दी का माहौल है ऐसे में अगर आजम परिवार से कोई या फिर उनके समर्थन से कोई भी उम्मीदवार मैदान में आता है तो जीत पक्की मानी जा रही है दरअसल अब्दुल्ला आजम की विधायकी तीन साल के अंदर दो बार निरस्त हुई है !

अब्दुल्ला आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से विधायक बने थे उन्होंने पूर्व मंत्री रामपुर नवाब खानदान के नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को हराया था नवेद मियां बीएसपी से चुनाव लड़े थे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अब्दुल्ला के चुनाव को चुनौती दी थी आरोप लगाया था कि चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी, जबकि विधायक का चुनाव लड़ने के लिए 25 साल की उम्र होना अनिवार्य हैं हाईकोर्ट ने आरोप सही मानते हुए 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था !

 सुप्रीम कोर्ट ने भी अब्दुल्ला की अपील याचिका को खारिज कर हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा था 2022 में अब्दुल्ला आजम फिर स्वार से विधायक बने थे इस बार उन्होंने नवाब खानदान के हमजा मियां को हराया था हमजा बीजेपी-अपना दल के कैंडिडेट थे हमजा मियां पूर्व मंत्री काजिम अली उर्फ नवेद मियां के बेटे हैं अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को 15 साल पुराने मामले में पिता आजम खां आदि के साथ दो साल की सजा सुनाई गई जिसके बाद उनकी विधायकी फिर से हाथ से जाती रही ऐसे में एक तरफ दावा किया जा रहा है कि आजम खान दूसरे बेटे को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं तो दूसरी तरफ दावा किया जा रहा है कि आजम खान अब अपने परिवार के किसी भी सदस्य पर दांव नहीं खलेंगे क्योंकि उन्हे डर है कि कहीं फिर से उनके खिलाफ पुराने केसों का पुलिंदा न खुल जाए आजम खान के करीबियों की माने तो अब दूसरे बेटे के भविष्य से आजम खान रिस्क नहीं लेने वाले ऐसे में सच्चाई क्या है वो तो सपा और आजम खान जाने लेकिन फिलहाल एक तरफ दावा किया जा रहा है कि आजम का दूसरा बेटा सियासी जंग में कूदेगा और दूसरी तरफा दावा किया जा रहा है कि ऐसा नहीं होगा ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा कि सपा किसके नाम पर दांव लगाती है !