नहीं रहा पूर्वांचल का वो बाहुबली जिसके एक इशारे पर रुक जाती थीं हवाएं !

पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में शुमार और बाहुबली कहलाने वाले हरिशंकर तिवारी तो नहीं रहे लेकिन उनके चाहने वालों के दिलों में वो आज भी जिंदा है हरिशंकर तिवारी एक ऐसा नाम जिसके नाम से सियासी हवाओं का रुख बदल जाता था अच्छे अच्छे सियासी तुर्रम खान भी उनके आगे हथियार डाल देते थे गरीबो के लिए मसीहा और दुश्मनों के लिए कट्टर दुश्मन वाली उनकी छवि थी हरिशंकर तिवारी ने जो किया खुलेआम किया और जो ठाना वो हासिल भी किया उनकी शख्सियत की खासियत ही यही थी कि उन्होंने सियासत में एंट्री ली तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा आइए जानते हैं उनकी कुछ ऐसी बातें जो आपको भी चौंका देगी  !

आम पब्लिक से प्यार लेकिन विरोधियों से होती थी तकरार

हरिशंकर तिवारी ने गरीबों और कमजोरों का हमेशा साथ दिया वो आम पब्लिक को कभी परेशान नहीं करते थे उनकी मदद के लिए हर समय तैयार रहते थे लेकिन सियासी अदावत वालों को हरिशंकर तिवारी हमेशान अपनी एक उंगली पर नचाते थे !

अचानक लेते थे पब्लिक में एंट्री और चौंका देते थे

पंडित हरिशंकर तिवारी बेहद ही पोशीदा तरीके से रहते थे उठते- बैठते चौकन्ना रहते थे अपने सक्रिय जीवन काल में जब वो निकलते तो बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती थी कि वो कहां जा रहे हैं काफिला बड़ा होता था लेकिन पास सिर्फ कुछ विश्वसीय लोग ही पहुंच पाते थे हरिशंकर तिवारी जब भी निकलते थे तो किसी को पता नहीं होता था लेकिन अचानक पब्लिक में पहुंच हल्ला मचा देते थे !

कंपा देने की क्षमता रखते थे पंडित हरिशंकर तिवारी

पूर्वांचल के बड़े बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी बेहद चतुर थे किसी को देखते ही उसकी पूरी थाह भाप लेते थे बातचीत में सौम्य पंडित तिवारी किसी को घूरते तो कंपा देने की क्षमता रखते थे छोटे कद के बेहद पैनी नजर रखने वाले पंडित जी से बड़े- बड़े लोग पनाह मांगते थे वो जो ठान लेते उसको करके ही छोड़ते थे !

बड़े विराधियों को दी पटखनी

बाहुबली हरिशंकर तिवारी ने एक बात तय कर रखी थी कि लड़ना उससे है जिसकी तूती बोलती हो उसे ऐसी पटखनी देते थे कि पूरे समाज में संदेश जाता था शरण में आए व्यक्ति की हर हाल में सुरक्षा पुख्ता करते थे और काम करने का ऐसा तरीका था कि प्रशासन भी नाराज न हो और काम भी जाए इसीलिए पब्लिक और प्रशासन दोनों में उनकी पैठ बराबर थी और उनकी बात भी लोग मानते थे !