यूपी की सियासत का सबसे बड़ा दावा, निकाय चुनाव के नतीजों के बाद टूट गई जयंत और अखिलेश की जोड़ी !

सपा और आरएलडी का जबसे गठबंधन हुआ है तब से कई बार ऐसा दावा किया गया कि अब गठबंधन टूटने वाला है विधानसभा चुनाव हो या फिर एमएलसी का चुनाव या फिर हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव हर बार दावा यही हुआ लेकिन हर बार दावा गलत साबित हुआ लेकिन अब एक बार फिर कहा जा रहा है कि जयंत और अखिलेश की जोड़ी टूट गई है दावे पर हर किसी को शक था सबको लगा कि ये दावा झूठ साबित होगी लेकिन इस बीच जयंत चौधरी ने सामने आकर एक ऐसा दावा किया जिसने हंगामा काट दिया और ऐसा हल्ला मचा है कि अब सब पूछ रहे हैं कि आखिर प्लानिंग क्या है साथ ही जयंत चौधरी का जवाब सुनने के बाद सपा की सुप्रीम लीडरशिप भी हैरान और परेशान है जानकारी की माने तो ये दावे तब शुरु हुए जब लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने गए निकाय चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों पर अपना परचम फैलाया वहीं सपा और आरएलडी का गठबंधन निकाय चुनाव में बेअसर रहा !

 सपा गठबंधन के खाते में एक भी नगर निगम की सीट नहीं आई वहीं निकाय चुनाव के पहले ऐसी भी खबरें आईं कि सीट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन में तलवार खिंच रही हैगठबंधन में सबक कुछ ठीक नहीं चल रहा है वहीं सपा के साथ गठबंधन को लेकर आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है बागपत में आरएलडी के समरसता अभियान के शुभारंभ के दौरान जयंत चौधरी ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि, ‘2024 के चुनाव के गठबंधन का रास्ता सभी विपक्ष की पार्टियों से बात चीत के बाद साफ हो जाएगा सपा के साथ गठबंधन पर जयंत चौधरी ने कहा कि, ‘समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं टूटा है  !

ये किस के दिमाग की उपज है, मैं नहीं जानता लेकिन जो मीडिया चला रहा है, उसका कोई आधार नहीं है जो चर्चा है वो गलत है बता दें कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में पश्चिमी यूपी में आरएलडी के गढ़ में सपा ने भी अपने प्रत्याशी उतारे थे सपा-आरएलडी के अपने-अपने प्रत्याशी उतारने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था माना जा रहा था कि गठबंधन टूटने के कगार पर है मेरठ, बागपत, बिजनौर समेत कई जगहों पर सपा-आरएलडी के प्रत्याशी आमने-सामने खड़े थे वहीं निकाय चुनाव के दौरान आरएलडी के प्रवक्ता रोहित अग्रवाल के एक ट्वीट की काफी चर्चा थी उन्होंने लिखा था कि बर्दाश्त करने की सीमा होती है, रस्सी को उतना ही खींचो जो टूट ना जाए हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी मत समझो जिसके बाद दावा किया जा रहा था कि अखिलेश और जयंत की दोस्ती में दरार आ गई है और दोनों का गठबंधन अब टूटने की कगार पर है लेकिन जयंत चौधरी ने हर सवाल का जवाब दे दिया और साफ कर दिया कि न तो गठबंधन टूटा है और न ही दोस्ती टूटी है हम साथ है बस कुछ लोग हमारी दोस्ती से डर रहे हैं इसीलिए इस तरह की बातें की जा रही है !