यूपी की सियासत में होने वाली है बड़ी तब्दीली, कई मंत्रियों की जा सकती है !

उत्तर प्रदेश की सियासत में तूफान से पहले वाला सन्नाटा देखने को मिल रहा है और इस सन्नाटे ने योगी कैबिनेट के कई चेहरों पर हवाईयां उड़ा दी हैं क्योंकि योगी कैबिनेट के विस्तार के संकेत के साथ ही कईयों की कुर्सी जाने के संकेत भी दिख रहे हैं एक तरफ जहां सीएम योगी लखनऊ से प्रशासन की बागडोर संभाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ दोनों डिप्टी सीएम बिना सीएम योगी के दिल्ली दरबार में पहुंचे हैं जिसके बाद से ही सनसनी का माहौल बना हुआ है केशव प्रसाय मौर्य और ब्रजेश पाठक के दिल्ली जाने के बाद सवाल ये है कि क्या सीएम की कुर्सी पर भी किसी नए चेहरे को बिठाया जा सकता है अब ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा लेकिन फिलहाल हलचल का माहौल दिख रहा है दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल के कई चेहरों को रिप्लेस किया जा सकता है और पुराने चेहरों की जगह पूर्वांचल के युवा नेताओं को मौका दिया जा सकता है और लोकसभा चुनाव 2024 के सियासी समीकरणों को साधा जा सकता है !

 योगी कैबिनेट से किसकी विदाई होगी और किसकी तैनाती होगी इसी पर दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली के दरबार में डिस्कस करेंगे और उसके बाद आलाकमान फैसला लेगा लेकिन सवाल इस बात का है कि सरकार के सरबरा सीएम योगी को आखिर दिल्ली क्यों नहीं बुलाया गया क्या उनके बुलाया नहीं गया या फिर वो गए नहीं क्या डिप्टी सीएम और सीएम योगी के बीच बात नहीं बन रही है क्या दोनों के बीच फिर से तलवारें खिच रही है इन सवालों का जवाब यही है कि बीजेपी आलाकमान ही इसके बारे में जाने या फिर राम जाने लेकिन फिलहाल इतना तय है कि दिल्ली दरबार से दोनों डिप्टी सीएम क्या फैसला करके बाहर आते हैं और फिर किसको मौका मिलता है और कौन अपनी कुर्सी से हटेगा दावा किया जा रहा है कि अगले महीने उत्तर प्रदेश के मंत्रीमंडल में विस्तार किया जा सकता है वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जब दिल्ली के लिए रवाना हुए थे !

 तब उन्होंने काशी  के बाबा भोले नाम को मनाने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में माथा टेका था और आशीर्वाद लिया था निकाय चुनाव से पहले बीजेपी ने पार्टी के बड़े मंत्रियों और नेताओं को प्रभारी बनाया था और जीत की जिम्मेदारी दी थी साथ ही कहा गया था कि जिस प्रभारी की परफॉरमेंस अगर संतोषजनक नहीं रही तो फिर उसकी कुर्सी से छुट्टी भी हो सकती है ऐसे में अब दोनों डिप्टी सीएम के दिल्ली जाने के बाद सवाल इस तरह से उठा रहे जैसे सीएम योगी की ही कर्सी पर खतरा हो और इसके पीछे वजह उस मौके को माना जा रहा है पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी ने केशव प्रसाद मौर्य को सीएम कहकर बुलाया था और कहा था कि आपको सीएम बनाने के लिए खून की नदिया बहा देंगे ऐसे में अब केशव का सीएम योगी के बिना दिल्ली जाना कई सवाल खड़े करता है हालांकि बीजेपी के नेताओं का दावा है कि सीएम की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है और न ही सीएम योगी को कुर्सी से हटाया जा सकता है बस फिलहाल नए चेहरों को मौका देने की तैयारी की जा रही है ताकि पार्टी की ताकत और सामाजिक नेतृत्व को और मजबूत किया जा सके अब देखना यही है कि किसको सरकरा मौका देती है और किसकी कुर्सी बीजेपी आलाकमान छीनता है !