यूपी के इस दिव्यांग ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर साबित कर दिया, पंखों से नहीं हौसलों से होती है उड़ान !

कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारो ये मिसरा ही किसी के हौसलों को फिर जिंदा करने का माद्दा रखता है लेकिन उत्तर प्रदेश के एक युवक ने तमाम कठिन हालातों में ऐसी सफलता हासिल की जिसने गदर काट दिया है और पूरे प्रदेश में उसकी चर्चाओं का दौर जारी है एक दर्जी के विकलांग बेटे ने सफलता की बो इबारत लिखी है जिसने हर किसी को चौंका दिया है एक ट्रेन हादसे ने दोनों पैर, एक हाथ और एक हाथ की तीन उगलियां छीन ली परिवार बेटे की इस हालत को लेकर हमेशा से चिंता में था कि भविष्य कैसा होगा आज सफलता ने वो डंका बजाया है कि जो अफसोस कर रहे थे वो हौसला अफजाई कर रहे हैं और तारीफों के पुल बांध रहे हैं अक्सर कहा भी जाता है कि मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है !

यूपीएससी की परीक्षा पहले प्रयास में क्रेक करने वाले सूरज तिवारी के सफलता ऐसी ही है मैनपुरी के इस बेटे ने हार नहीं मानी और आज यूपीएससी की परीक्षा पास कर नया इतिहास रच डाला है उत्‍तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुरावली कस्‍बे के रहने वाले सूरज तिवारी के पिता दर्जी हैं एक ट्रेन हादसे के कारण दिव्‍यांग हो चुके सूरज तिवारी ने हिम्‍मत नहीं हारी और यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल की है सूरज दिल्‍ली में एक प्राइवेट नौकरी करते थे, लेकिन 2017 में हुए हादसे ने जिंदगी ही बदल दी सूरज ट्रेन से यात्रा कर रहे थे तब उन्‍हें किसी ने चलती ट्रेन से धक्‍का दे दिया था इस हादसे में सूरज की जान तो बच गई लेकिन उसने अपने दोनों पैर और एक हाथ और दूसरे हाथ की तीन उंगलियां गवां दी इस हादसे के बाद नौ महीने तक सूरज तिवारी अस्‍पताल में भर्ती रहे !

सूरज तिवारी ने दिव्‍यांग होने के बाद भी अपनी दिव्‍यांगता और गरीबी को कभी अपनी कमजोरी नहीं माना मंजिल को हासिल करने के लिए ईमानदार कोशिश लगातार करते रहे, और आज सफलता उनके कदम चूम रही है सूरज तिवारी दिव्‍यांग होने के बाद दिन रात यूपीएससी की तैयारी की बेटे की इस सफलता से सूरज के पिता फूले नहीं समा रहे हैं उन्‍होंने कहा मुझे लग रहा है कि मैं कोई सुंदर सपना देख रहा हूं वहीं सूरज के परिवार के अन्‍य सदस्‍य और उनके जानने वाले सूरज तिवारी की इस सफलता पर अचंभित होने के साथ- साथ बेहद खुश हैं बेटे के साथ हुए हादसे में जवान बेटे के विकलांग होने के बाद आज सूरज का परिवार सालों बाद खुल कर हंसा और खुशियां मना रहा है !  पिता जहां बेटे की सफलता से गर्व से सीना चौड़ा कर खुशियां मना रहे हैं तो मां की आंखें खुशी से छलक रही है हर तरफ सूरज की चर्चा है और पिता की पहचान भी अब बेटे के नाम से हो रही है ऐसे में पूरा परिवार खुशियों का स्वागत कर रहा है और बेटे की बलैया ले रहा है मीडिया हलचल परिवार भी सूरज को उनकी सफलता पर बधाई देता है