पिछले कई दिनों से आंदोलनरत उत्तर प्रदेश के वकीलों ने आज हड़ताल समाप्त कर दी। प्रदेश भर के वकील लगातार सरकार से पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे। हापुड में वकीलों के साथ जो हुआ था उसको लेकर पूरे प्रदेश में जारी आंदोलन लगातार आगे बढ रहा था और वकीलो की एकता को देखते हुए आखिरकार सरकार को झुकना ही पड़ा।
योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मांगे पूरी करने का आश्वासन मिलने के वकीलों ने हड़ताल खत्म किया है। हड़ताल पर शासन और अधिवक्ताओं के बीच सहमति बनी गई है। यूपी बार काउंसिल और शासन के बीच बैठक में कई मामलों पर सहमति बनी। हापुड़ के एडिशनल एसपी को हटाने पर भी सहमत बनी है। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने की बात कही गई है।
यूपी के अलग-अलग जिलों में वकीलों पर दर्ज मुकदमें भी स्पंज होंगे। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर कमेटी गठित होगी। इसी के साथ शुक्रवार से यूपी के वकील काम पर लौटेंगे। इस दौरान यूपी बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय, अखिलेश अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह और प्रशांत सिंह मौजूद रहे।
इससे पहले हापुड़ में अधिवक्ताओं पर पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान वकीलों ने कई जिलों में विरोध जताया और पुतला भी फूंका। लखनऊ में वकीलों ने प्रदर्शन के लिए सभा की और इसके बाद बैरिकेडिंग तोड़ते हुए हजरतगंज की तरफ बढ़ चले, जहां पुलिसकर्मियों से उनकी तीखी नोकझोंक हुई।
पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा. लौटते समय रास्ते में वकीलों के एक झुंड ने मीडिया कर्मियों से अभद्रता की। गौरतलब है कि पुलिस ने कथित तौर पर 29 अगस्त को एक महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ पुलिस से झड़प के आरोप में मामला दर्ज किये जाने का विरोध कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज किया था. घटना के विरोध में प्रदेश के वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर थे।