करोड़पति बेटों की मां खा रही दर-दर की ठोकरें, रोते हुए !

दुनियां में सबसे बड़ी योद्धा मां है मेरे पास मां है हिंदी फिल्मों के ये डॉयलॉग मां की अहमियत को दर्शाते हैं लेकिन ये सिर्फ फिल्मी पर्दे तक ही सीमित है हकीकत में मां का दर्द और मां का योगदान अब कलयुगी औलाद को कमतर नजर आता है यकीन नहीं आता तो इस कहानी को आखिर तक सुनना आप भी अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे एक मां ने अपने पति के न रहने पर बेटों को काबिल बनाया और वो करोड़पति हो गए  लेकिन अब एक बेटा साथ नहीं रखना चाहता, एक की पत्नी को मां पसंद नहीं है और एक बेटे को मां के शरीर से बदबू लगती है जिसके दूध को पीकर बढ़ा हुआ उसी मां के शरीर से अब नालायक को बदबू लग रही है

ये कहानी है आगरा उन 4 करोड़पति बेटों की जो अपनी मां को अपने साथ नहीं रख पाए और मां वृद्धाश्रम में वक्त बिता रही है नाम है इनका विद्या देवी विद्या देवी को लगता था कि बेटों की शादी के बाद जिंदगी खुशहाली से बीतेगी लेकिन उनकी ये उम्मीद गलत थी क्योंकि शादी होते ही बेटों ने मां से पहले संपत्ति अपने नाम करवाई और फिर उनको धक्के मार के घर से बाहर कर दिया किसी रिश्तेदार को भी तरस नहीं आया और उनको वृद्धाश्रम में शरण लेनी पड़ी बेटों की करतूत से खफा विद्या देवी कहती हैं कि मेरे न रहने पर मेरे बेटों को हाथ भी शरीर से न लगाने देना !

दरअसल आगरा की पॉश कालोनी कमला नगर की रहने वाली 87 साल की विद्या देवी के चार बेटे हैं चारों बेटे आर्थिक रूप से बेहद संपन्न हैं इसके बावजूद विद्या देवी वृद्धाश्रम में अपना जीवन गुजार रही हैं वो अपने बेटों के व्यवहार से इस कदर आहत हैं कि उनके पास नहीं जाना चाहतीं विद्या देवी की आगरा की पॉश कालोनी कमला नगर में भव्य कोठी है करीब 13 साल पहले उनकी पति की अचानक मौत हो गई इसके बाद मां ने बेटों को पढ़ाने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाया एक बेटे के लिए फैक्टरी खुलवाई और तीन अन्य को बहुमंजिला इमारत बनाकर सौंपी चारों बेटे आज अच्छी आर्थिक स्थिति में हैं  !

कुछ दिन पूर्व बेटों और उनकी पत्नियों ने उन्हें घर से निकाल दिया पीड़ित मां रोते हुए बताती हैं कि सबसे पहले बड़े बेटे ने उनसे घर और फैक्टरी अपने नाम करवा ली, फिर मारपीट कर घर से बाहर निकाला दिया उसके बाद दूसरे बेटे की शरण ली तो उसने भी पत्नी के कहने पर एक घंटे भी घर में रहने नहीं दिया इसके बाद तीसरे बेटे और बहू ने मां के शरीर से ब दबू आने की बात कहकर घर से भगा दिया चौथे बेटे ने भी उन्हें अपने पास रखने से इनकार कर दियाइन हालातों में वृद्ध विद्या देवी आगरा के रामलाल वृद्धाश्रम में अब अपना जीवन बिता रही हैं बेटों के व्यवहार से आहत वृद्ध मां राते हुए कहती हैं कि अब वृद्धाश्रम के रहने वाले लोग ही उनका परिवार है यहां पर रहने वाले युवा उनके बेटे और बुजुर्ग महिलाएं बहन है !

आश्रम के संचालक शिव प्रसाद शर्मा बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व वृद्ध महिला की बहन शशि गोयल उन्हें यहां लेकर आई थी महिला के चारों बेटे आर्थिक रूप से काफी संपन्न हैं इसके बावजूद ये हमारे वहां रहने को मजबूर हैं शिव प्रसाद के मुताबिक उन्होंने विद्या देवी के बेटों से संपर्क किया तो उन्होंने उलटा उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया चारों बेटों में से एक भी यहां से मां को लेने नहीं आया ऐसे में यहां रहने वाले लोग ही वृद्ध महिला का सहारा और परिवार का हिस्सा बन गए हैं महिला अपने बेटे के कृत्य से बेहद आहत हैं विद्या देवी न जाने कितनी मांएं ऐसी हैं जिनकी औलादों ने उनका सब कुछ ले लिया और घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया विद्या देवी की कहानी मिसाल है कि बुढ़ापे में भूलकर भी अपना सब कुछ बच्चों के हाथ में न सौंप दे कुछ तो ऐसा बचा कर रखें ताकि औलाद आपको बेसहारा छोड़े तो आप अपना जीवन बेहतरी से बिता सकें  !