इटावा के गोपाल यादव को अखिलेश यादव ने सौंपी सबसे बड़ी कुर्सी, लोकसभा चुनाव से पहले चला बड़ा दांव !

यूपी की सियासत में सपा का जलवा देखने को मिल रहा है ! अखिलेश यादव एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रहे हैं कि सत्ताधारी चौंक रहे हैं और पार्टी के ही नेता सन्न रह जाते हैं ! अब न तो राम गोपाल यादव को भनक लगी और न चाचा शिवपाल सिंह यादव कुछ समझ पाए और अखिलेश यादव ने इटावा के गोपाल यादव को सबसे बड़ी कुर्सी पर सुशोभित कर दिया ! इधर पूर्व सीएम ने एलान किया तो उधर उत्तर प्रदेश की सियासत के साथ साथ इटावा में हलचल तेज हो गई ! गोपाल की ताजपोशी पर जहां उनके समर्थकों का जोश बढ़ गया है तो वहीं गोपाल की भी जिम्मेदारी में इजाफा हुआ है ! लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की हर कमजोर कड़ी को अखिलेश यादव ताकत देने में लगे हैं और यही कारण है कि अखिलेश यादव अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं !

सपा से पूर्व जिला अध्यक्ष गोपाल यादव को पार्टी हाई कमान के तरफ से प्रदेश सचिव बनाए जाने की घोषणा की गई है ! जिसके बाद गोपाल यादव की समर्थकों में खुशी की लहर देखने को मिली और गोपाल यादव ने कहा पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसको अच्छे से निभाएंगे ! उत्तर प्रदेश में 2017 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच हुए जुबानी झगड़े के बाद शिवपाल यादव के करीबी सुनील यादव को इटावा जिला अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया और उनकी जगह गोपाल यादव को जिला अध्यक्ष की पद पर नियुक्त किया गया था ! तब से लगातार गोपाल यादव जिला अध्यक्ष के पद पर कमान संभाले हुए थे ! वहीं 2023 में गोपाल यादव को जिला अध्यक्ष के पद से हटाते हुए उनकी जगह प्रदीप शाक्य उर्फ़ बब्लू को जिले की कमान सौंपी गई थी !

जहां शिवपाल यादव ने पार्टी कार्यालय पर पहुंचकर प्रदीप शाक्य को जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर शुभकामनाएं दी थी और पार्टी को मजबूत करने की बात भी कही थी ! पूर्व जिला अध्यक्ष गोपाल यादव को प्रोफेसर रामगोपाल यादव का बेहद करीबी माना जाता है ! माना जाता है कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में जब पार्टी को लेकर तकरार हुई थ ! तब इटावा से जिला अध्यक्ष पद के लिए गोपाल यादव का नाम सामने आया था ! लेकिन गोपाल यादव को जिला अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद उनके लिए फिर से पार्टी ने दरवाजे खोल दिए हैं !

अबकी बार गोपाल यादव को पार्टी की तरफ से प्रदेश सचिव बनाया गया है ! वहीं नई जिम्मेदारी मिलने के बाद गोपाल यादव भी गंभीर नजर आए और उनका कहना है कि अब पार्टी को मजबूती के साथ आगामी चुनाव के लिए तैयार करना है ताकि चुनावों में जनाधार को बढ़ाया जा सके और सत्ता के गलियारे में ताकत को बढ़ाया जा सके !

One thought on “इटावा के गोपाल यादव को अखिलेश यादव ने सौंपी सबसे बड़ी कुर्सी, लोकसभा चुनाव से पहले चला बड़ा दांव !

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