बरेली की सपा में खिंची तलवारें मामा-भांजे एक दूसरे के खिलाफ ठोंक रहे ताल !

बरेली :  एक तरफ चुनाव की घोषणा तो दूसरी तरफ टिकट के लिए धमाचौकड़ी,समाजवादी पार्टी में फिलहाल यही देखने को मिल रही है और गजब की बात ये है कि एक अनार सौ बीमार वाले हालात देखने को मिल रहे हैं। सपा आलाकमान को समझ नहीं आ रहा कि आखिर किसको टिकट दिया जाए। बरेली जिले की पूरनपुर विधानसभा पर तो सपा की तरफ से मामा भांजे ने ही ताल ठोक दी है जिससे सियासी पारा एक दम चढ़ गया है। भले ही फजाओं में सर्दी है लेकिन फिर भी पूरनपुर में गर्मी का एहसास हो रहा है।

दरअसल पूरनपुर विधानसभा सीट पर सपा टिकट की दावेदारी को लेकर मामा भांजे में चल रही रार और तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संकेत मिलते ही भांजे यानी राजू ठेकेदार ने चुनाव संबंधी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस सिलसिले में उन्होंने अपने खास नेताओं के साथ क्षेत्र में दौड़ धूप शुरू कर दी है। पूरनपुर सीट पर सपा के पूर्व विधायक पीतमराम के भांजे राजकुमार उर्फ राजू ठेकेदार ने लखनऊ में सपा मुख्यालय पर आवेदन किया था।

 इसकी भनक लगते ही पूर्व विधायक के परिवार में खलबली मच गई। पूर्व विधायक ने आनन-फानन में बयान जारी कर साफ कर दिया कि उनकी राजनीतिक विरासत उनकी पुत्रवधू जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष आरती महेंद्र ही संभालेंगी। इधर, राजू ठेकेदार ने हाल ही में लखनऊ और दिल्ली में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर चुनावी समर में उतरने की इच्छा जाहिर की थी। सूत्रों की माने तो सपा के वरिष्ठ नेताओं ने राजू ठेकेदार को चुनाव की तैयारी में जुटने का संकेत दे दिया है।जिसके बाद राजू ठेकेदार ने अपने खास लोगों के साथ क्षेत्र में दौड़धूप तेज कर दी है।

खास बात ये है कि राजू ठेकेदार क्षेत्र में लोगों को ये भी बता रहे हैं कि पूर्व विधायक पीतमराम का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जिस कारण इस बार वो चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। अपने लिए माहौल बनाने में लगे राजू ठेकेदार तो सक्रिय हैं लेकिन पूर्व विधायक अपने ही भांजे खफा दिख रहे हैं और दोनों ही नेता एक दूसरे से आगे निकलने के लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इन हालातों से स्थितियां ये बन गईं हैं कि सपा के समर्थकों में ही भ्रम के हालात पैदा हो रहे हैं और उन्हे समझ नहीं आ रहा कि आखिर किसके साथ वो जाए और किसपर भरोसा करें।

अब सारा दारोमदार सपा आलाकमान पर है कि वो क्या फैसला लेतें हैं और किसे टिकट देते हैं,लेकिन ये फैसला जितनी जल्दी लिया जाए उतना ही अच्छा है क्योंकि अगर देरी की गई तो फिर सपा के लिए ही पूरनपुर विधानसभा पर दिक्कते बढ़ सकती है और इसका सीधा असर चुनाव पर देखने को मिलेगा।