दिखने लगा शिवपाल सिंह का जलवा, पहले पार्टी में एंट्री तो अब करीबियों के हाथ हो रहे मजबूत !

देर आए मगर दुरुस्त आए ये कहावत सियासत में इन दिनो शिवपाल सिंह पर सटीक बैठ रही है चाचा शिवपाल सिंह यादव जब तक सपा से दूर रहे तब तक तो कुछ खास होता नहीं दिखा लेकिन जब से भतीजे ने चाचा को तवज्जो देना शुरू किया है सपा का एक नया रूप निखर कर सामने आ रहा है शिवपाल सिंह यादव का अब पार्टी में वहीं रुतबा कायम होता दिख रहा है शिवपाल का दखल और होने वाले हर फैसले में उनकी परिपक्वता का संकेत मिलता है दूर की की बात क्या करें हालिया एलानों में अखिलेश ने चाचा के बिना मशविरे के कोई भी फैसला नहीं लिया शिवपाल का पार्टी में कद बढ़ रहा है तो करीबियों के हाथ भी मजबूत हो रहे हैं अगर यकीन नहीं आता तो फिर हाल ही में घोषित किए गए जिलाध्यक्षों की लिस्ट पर ही नजर डाल लीजिए आपको पता चल जाएगा कि कैसे शिवपाल सिंह ने अखिलेश के साथ मिलकर पुरानी सपा को नई लय देने की कोशिश की है  !

दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में सभी राजनीतिक पार्टियां जुट गई हैं इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए, 25 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की है वहीं इस नई कार्यकारिणी में शिवपाल सिंह यादव का संगठन में असर दिखने लगा है सपा ने कानपुर की कमान पुराने और भरोसेमंद हाथों में सौंपी है सपा महानगर अध्यक्ष फजल महमूद को बनाया गया है, और जिला ग्रामीण इकाई की कमान पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला को सौंपी गई है इस पद की जिम्मेदारी दोनों पहले भी संभाल चुके हैं पुराने समाजवादियों का मामना है कि संगठन में शिवपाल सिंह यादव का असर देखने को मिल रहा है पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह के करीबी रहे हैं !

मुनींद्र शुक्ला ने मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव के साथ लंबे वक्त तक संगठन के लिए काम कर चुके हैं इसके साथ ही ये तर्क दिया जा रहा है कि बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए पुराने लोगों का सहारा लिया जा रहा है जानकारी के मुताबिक सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नए जिलाध्यक्षों को जून तक बूथ कमेटियों के गठन का निर्देश दिया है सपा महानगर अध्यक्ष फजल महमूद इससे पहले भी इस पद पर 12 अप्रैल 2016 से 27 दिसंबर 2017 तक पद संभाल चुके हैं फजल महमूद के पिता सैयद महमूद अहमद सपा के संस्थापक महानगर अध्यक्ष रह चुके हैं 28 अक्टूबर 1993 महानगर अध्यक्ष बने थे इनकी गिनती कट्टर समाजवादियों में होती थी पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला मुलायम सिंह यादव के परिवार के करीबी रहे हैं मुनींद्र शुक्ला को ग्रामीण जिला इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है मुनींद्र शुक्ला पहले इसी पद पर 12 साल रह चुके थे !

विधानसभा चुनाव 2012 में जब उन्हे बिठूर विधानसभा से टिकट मिली, और जीत के बाद उन्होने ग्रामीण जिला इकाई का पद छोड़ दिया था संगठन ने उन्हे एक बार फिर से जिम्मेदारी सौंपी है पुराने समाजवादियों का कहना है कि संगठन की जड़े मजबूत करने के लिए, हाईकमान ने जमीनी और मजबूत पकड़ वाले समाजवादियों का सहारा लिया है वहीं सपा के नवयुवक नेताओं को पार्टी का यह स्टैंड अच्छा नहीं लगा है नए नेताओं का मानना है कि संर्घष का दौर है, जिसमें सीधे सरकार से टकराव होता है इस स्थिति में नए नेताओं को जिम्मेदारी देनी चाहिए  फजल महमूद का कहना है कि संगठन सड़क पर उतर जनता के हितों की मांग करेगी हालियां एलानों को देखने के बाद सियासी जानकारों का मानना है कि अखिलेश का साथ और शिवपाल का अनुभव पार्टी को एक नई उड़ान देगा आने वाले चुनावों में इसका असर भी दिखेगा और लोकसभा चुनाव में अगर सपा ने एक बड़ा संख्याबल हासिल किया तो फिर पार्टी के लिए आने वाला वक्त बेहद ही सुनहरा होगा देखना ये है कि कयास हकीकत बनता है या नहीं !