निकाय चुनाव में भले ही बीजेपी ने सफलता का परचम लहराया हो लेकिन कई सीटे ऐसी हैं जो बीजेपी के गढ़ के नाम से जानी जाती हैं लेकिन वहां हार का सामना करना पड़ा एक सीट पर तो बीजेपी की हालत खराब हो गई जहां किन्नर उम्मीदवार ने बीजेपी के छक्के छुड़ा दिए और सफलता की ऐसी कहानी लिखी कि अब बीजेपी वाले मुंह छुपाए घूम रहे हैं जीतने वाली सोनू किन्नर की माने कि जीत आसान नहीं है प्रशासन और पुलिस के साथ साथ बीजेपी के नेताओं से भी काउंटिंग के दौरान जूझना पड़ा तब कहीं जाकर रिकाउंटिंग हुई और जीत नसीब हुई उत्तर प्रदेश की चंदौली जिले की दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद सीट से सोनू किन्नर ने जीत हासिल की है और जीत मिलने के बाद से ही लगातार सुर्खियों में है !
सोनू रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गृह जनपद चंदौली की दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद सीट पर बीजेपी की हार से कई सवाल खड़े हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सोनू की चर्चाएं भी तेज हैं बीजेपी के वर्चस्व वाले जिले में एक किन्नर द्वारा बीजेपी उम्मीदवार को पटखनी देकर चेयरमैन पद कब्जाने को बड़ी बात माना जा रहा है हालांकि सोनू किन्नर को ये सीट काफी मुश्किलों के बाद मिली चुनावों में धांधली का आऱोप लगाते हुए किन्नर समाज ने जमकर हंगामा किया था मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना केंद्र के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस और निर्दलीय किन्नर प्रत्याशी के किन्नर समर्थक आपस मे भीड़ गए थे रिकाउंटिंग के बाद सोनू ने बीजेपी की मालती सोनकर को 397 वोट के अंतर से पराजित किया !
यूपी के इतिहास में सोनू तीसरी किन्नर हैं जिन्होंने जीत हासिल की जो किसी शहरी निकाय के प्रमुख का पद संभालने जा रही हैं लेकिन उनका यहां तक सफर काफी दर्द भरा रहा है सोनू किन्नर का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा है पिता की मौत के बाद सोनू किन्नर ने नाच गा कर परिवार का पालन किया 10 साल की उम्र में पता चला कि वो सामान्य लड़की नहीं बल्कि किन्नर हैं घर में गरीबी थी बचपन में ही पिता की मौत के बाद घर में कोई कमाने वाला भी नहीं था सोनू ने पैसे कमाने के लिए नाचना शुरू कर दिया 42 साल के सोनू 25 साल पहले घर परिवार छोड़ किन्नरों की टोली में शामिल हुई थीं गुरु गुलाब के निधन के बाद मुगलसराय नगर के नई बस्ती इलाके में स्थित किन्नर गद्दी सोनू को मिली सोनू किन्नर अपने अच्छे व्यवहार के चलते पूरे कस्वे में सबकी चहेती हैं उनका स्वाभाव ही उन्हें चुनाव जिताने में सफल रहा सोनू किन्नर उत्तर प्रदेश में तीसरी किन्नर हैं, जिन्होंने चेयरमैन की कुर्सी संभाली है !
सोनू से पहले 2001 के निकाय चुनाव में गोरखपुर में किन्नर आशा देवी ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया था वहीं, 2006 में मीरजापुर की अहरौरा नगर पालिका से किन्नर रेखा चेयरमैन बनीं 17 सालों बाद यूपी में कोई किन्नर शहरी निकाय के प्रमुख का पद संभालने जा रही है सोनू किन्नर की जीत के बाद वो जहां सुर्खियों में हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब उनकी कहानी कईयों को इस्पांयर कर रही है सोनू की सफलता पर जहां बधाई देने वालों का तांता लगा है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को हराने की वजह से कई विरोधी दल सोनू की तारीफों के पुल बांध रहे हैं !