उत्तर प्रदेश की सियासत में इस बार फिर से बड़े बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं और इन संकेतों के बीच बुआ भतीजे की जोड़ी फिर से दिखने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है ! अखिलेश यादव के बयान औऱ पार्टी नेताओं की सधी हुई जुबान ने कई अहम संकेत दिए हैं ! 2019 के बाद से अब तक अखिलेश यादव ने कभी मायावती पर कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि मायावती ने हर बार सपा को टारगेट किया है लेकिन इतना सब होने के बाद भी अखिलेश यादव ने मायावती का सम्मान किया और अपने नेताओं को जो नसीहत दी उसने तो सबको और पार्टी के नेताओं को भी चौंका दिया ! अखिलेश यादव ने सधे हुए अंदाज में मंजे हुए राजनेता वाला परिचय दिया है और यही परिचय उनकी बढ़त का सबब बनेगा ! 12 जनवरी यानि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरग़े और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश के बीच में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बात होगी ! इस बातचीत में बीएसपी का गठबंधन में आना महत्वपूर्ण हिस्सा रह सकता है !
बीएसपी के मौजूदा सांसद ने भी सूचना दी है कि बीएसपी, कांग्रेस, सपा और रालोद 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए से 20-20 का मैच खेल सकते हैं ! समाजवादी पार्टी के विधायक ने भी बताया कि उनके अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाकायदा इसका संकेत दे दिया है ! अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक में कहा है कि इंडिया गठबंधन में बीएसपी सुप्रीमो मायावती को शामिल करने के लिए कांग्रेस बातचीत कर रही है ! अखिलेश ने अपने विधायकों से कहा कि मायावती बड़ी नेता हैं ! उम्र में बड़ी हैं उनका सम्मान करना चाहिए ! अखिलेश यादव ने बलिया में अपने बयान के बाद बीएसपी के साथ बढ़ी तल्खी पर भी बोला ! उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया !
बलिया से अखिलेश यादव के बयान और बढ़ी तल्खी को उनके करीबी संजय लाठर ने भी बड़ी गंभीरता से लिया था ! लेकिन सपा अध्यक्ष के बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश में नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती है ! कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार और उत्तर प्रदेश में सक्रिय नेता का कहना है कि हमारी कोशिश सभी विपक्षी दलों को साथ लाकर और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ऩा है ! सब पूरी ताकत से मिलकर लड़ेंगे, तो बीजेपी और एनडीए को कड़ी चुनौती दी जा सकती है !
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी इसी से सहमत बताए जाते हैं ! कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं ! कांग्रेस के ही कानपुर क्षेत्र के एक नेता ने कहा कि आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं, लेकिन जयंत भी चाहते हैं कि विपक्षी गठबंधन में बसपा शामिल हो ! सूत्र का कहना है कि जब तक गठबंधन और सीटों के बंटवारे की रूपरेखा अंतिम रूप न ले ले, तब तक कुछ कहना ठीक नहीं है ! लेकिन बदलते सियासी रुख और बयानों पर संयम के संकेत ने ये तो साफ कर दिया है कि अगर मायावती ने अकड़ न दिखाई तो फिर एक बार सपा के साथ वो होंगी और इंडिया गठबंधन का हिस्सा भी मायावती बन जाएंगी लेकिन इसके लिए मायावती को थोड़ा नरमी दिखानी होगी और नरमी के साथ ही उन्हे थोड़ा संजीदा होना पड़ेगा !
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