इधर योगी के नए मंत्री ले रहे थे पद की शपथ, उधर अखिलेश सत्ताधारियो को हराने की ले रहे थे सौगंध

लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान भले न हुआ हो लेकिन सियासी दलों ने कमाल कस ली है और लॉलीपॉप सियासत का दौर देखने को मिल रहा है ! कोई महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए पेंशन स्कीम लॉन्च कर रहा है तो किसी ने मंत्रीमंडल का विस्तार कर लिया है ! जैसा उत्तर प्रदेश ( Utter predesh) में देखने को मिला लेकिन अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी कमाल का दांव चला और इधर सीएम योगी ने अपने नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई तो उधर अखिलेश यादव ने नए फॉर्मूले के साथ बीजेपी को हराने की सौगंध खा ली और ऐसा एलान किया कि मंत्री मंडल विस्तार के बाद भी बीजेपी की चिंताएं कम नहीं हुईं हैं क्योंकि उसे अब भी सपा के सामने हारने का डर सता रहा है ! बीजेपी कैबिनेट विस्तार को वोटबैंक में मजबूती के तौर पर देख रही है लेकिन अखिलेश यादव आम आवाम के सामने जनहित के मुद्दों से सियासत को धार दे रहे हैं ! यूपी में आज मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता कैबिनेट की बैठक की गई ! इस बैठक में 29 बड़े फैसलों पर को मंजूरी दी गई ! साथ मंत्री मंडल में विस्तार हुआ है ! चार नए मंत्रीयों को सपथ दिलाई गई है ! अब इसको लेकर विपक्ष में सियासत तेज हो गई है ! यूपी मंत्रिमंडल विस्तार पर अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए एक्स पर पोस्ट किया है !

अखिलश यादव ने भाजपा और योगी सरकार को घेरते हुए लिखा है ! ये सरकार शपथ के सामने दूसरी शपथ दिला रही है ! यूपी का युवा नौकरी देने वालों को वोट देने की शपथ ले चुका है ! इसके साथ अखिलेश ने भाजपा हटाओ, नौकरी पाओ का नारा भी दिया है ! इस बार चुनाव में ऐसे दल को वोट दे जो जो नौकरी-रोज़गार दे ! हम इस नारे को हर परिवार तक पहंचाने की सपथ लेते है ! अब ये नारा हर घर, गांव तक पहंचेगा ! इसके पहले भी सपा प्रमुख ने बीजेपी ( B . J . P) में टिकट उम्मीदवारों के बहाना बनाकर दावेदारी छोड़ने पर निशाना साधा था ! उन्होंने लिखा था कि अखिलेश ने लिखा कि किसने सोचा था कि भाजपा के ऐसे दिन भी आएंगे कि कुछ उम्मीदवार टिकट मिलने से पहले कुछ और काम को ज़्यादा जरूरी बताने का बहाना करके दावेदारी छोड़ देंगे ! मंगलवार को उन्होंने बेरोजगार और पेपर लीक प्रताड़ित युवाओं को शपथ दिलाई !

अखिलेश यादव पेपर लीक प्रकरण साधा है ! ऐसे में सियासत का पारा सातवें आसमान पर दिख रहा है और चुनावी रंग गहरा रहा है ! दावा किया जा रहा है कि आने वाले दिनो में जब तारीखों का एलान होतो सियासत का एक अलग ही रंग रूप देखने को मिलेगा ! जिसे देखने के बाद सत्ताधारियों की सिट्टी पिट्टी गुम होने वाली है ! विपक्ष को जहा अपनी साख बचाने के लिए हाथ पांव मारने पड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारियों को अपनी इज्जत बचाने के लिए जोर लगाना पड़ रहा है ! देखना ये है कि कोशिश किसकी रंग लाती है !

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