साधारण साधू से कैसे सीएम बने योगी आदित्यनाथ, कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है !

यूपी की गद्दी पर काबिज होने से लेकर अब तक सीएम योगी ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन वो कोई न कोई बड़ा फैसला लेकर हर किसी को चौंका न देते हों सीएम योगी का करिश्मा ऐसा है कि कोई भी सियासी चर्चा उनके बिना नहीं हो सकती यूपी की तस्वीर बदलने वाले सीएम योगी की तकदीर कैसे बदली वो भी कहानी बड़ी दिलचस्प है तो आज हम आपको बताएंगे सीएम योगी की पूरी कहानी कि कैसे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला बालक पहले साधु बना फिर सांसद बना और बाद में सीएम की कुर्सी पर अपनी पहुंच बनाई कहानी की शुरुआत करेंगे लेकिन पहले आप बताएं कि आपको सीएम योगी का कौन सा अवतार सबसे ज्यादा भाता है एक तेज तर्रार सीएम या फिर मठ के मृदुभाषी साधु का आपकी राय क्या है हमें कमेंट करके जरूर बताएं अब बात करते हैं सीएम योगी की जिंदगी की उस कहानी कि जिसने उन्हे स्टार सीएम बना दिया

दरअसल योगी आदित्यनाथ का जीवन संघर्षो से भरा रहा है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और कठोर परिश्रम के सहारे अपने लक्ष्यों कोहासिल किया अनुशासन, धैर्य और संयम उनकी सफलता के मूल मंत्र हैं तो आइए ग्राफिक्स के जरिए जानते हैं कैसे योगी से सीएम तक की कर्सी तक पहुंचे आदित्यनाथ

सीएम योगी का असली नाम अजय सिंह बिष्ठ है, सीएम योगी के गुरु का उनके जीवन पर अधिक प्रभाव रहा है ब्रम्मलीन महंत अवैद्यनाथ के संरक्षण में सीएम योगी ने शास्त्र और सियासत दोनों की शिक्षा ग्रहण की योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव के गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआयोगी आदित्यनाथ ने श्रीनगर के गढ़वाल विश्‍वविद्यालय से गणित से बीएससी की और साल 1993 में एमएससी की पढ़ाई की एमएससी की पढ़ाई के दौरान योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आए और यही पर उनकी मुलाकात महंत अवैद्यनाथ से हुईमहंत अवैद्यनाथ को वो अपना गुरु मानने लगे और इनकी विचारधारा से इतने प्रभावित हुए कि महज 22 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास ले लिया

15 फरवरी 1994 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने संन्यास ग्रहण कर हिन्दुत्व की रक्षा का संकल्प लिया गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बनने के बाद साल 1996 में महंत अवैद्यनाथ के चुनाव का संचालन सीएम योगी ने किया सीएम योगी ने पहली बार 1998 में लोकसभा चुनाव महज 26 साल की उम्र में जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की योगी अपनी कट्टर हिन्दू छवि के लिए जाने जाते हैं, हिन्दू युवा वाहिनी और बजरंग दल जैसे संगठनों के माध्यम से इसे बुलंद भी किया इनके माध्यम से योगी ने गांव-गांव में हिन्दुत्व की भावना को बढ़ावा दिया और आज भी वो हिन्दुत्व को सर्वाधिक महत्व देते हैं

साल 2007 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने योगी को बहुत महत्व नहीं दिया तब योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया बीजेपी प्रत्याशी शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ उन्होंने राधा मोहन को चुनाव लड़ाया, जिसमें राधा मोहन ने जीत दर्ज की योगी आदित्यनाथ 5 बार गोरखपुर संसदीय सीट से सांसद रहे, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में लगातार जीत दर्ज की साल 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने 19 मार्च 2017 को उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली

पांच सालों में उन्होंने अपने कार्यो से उत्तर प्रदेश की जनता का विश्वास कायम रखा और 2022 में दोबारा सीएम बने 25 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे में सबसे अधिक समय तक सीएम रहने का रिकार्ड बनाएंगे

तो ऐसी है सीएम योगी आदित्यनाथ की सियासी कहानी एक साधारण परिवार में जन्में और पढ़ाई को प्राथमिकता दी लेकिन जब गुरु से मुलाकात हुई तो फिर सन्यास ग्रहण कर लिया और सन्यासी होने के साथ साथ सियासत में भी हाथ आजमाया और आज सफलता के शिखर पर विराजमान है