कभी मजदूरी करके जैसे तैसे कमाए थे पैसे, अब आईपीएल से खुल गई किस्मत !

पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए पिछले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज नाथन एलिस प्लेयर ऑफ द मैच रहेे। एक समय मजदूर के रूप में काम करने वाले एलिस ने राजस्थान के 4 विकेट झटके। उनके जीवन की संघर्ष गाथा सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।वह लगातार अच्छा क्रिकेट खेलने के बावजूद 22 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया की टीम न्यू साउथ वेल्स में जगह नहीं बना पा रहे थे। इसके बाद वे क्रिकेट से अपनी जीविका चलाने के लिए तस्मानिया में बस गए। उस समय उनके पास न तो कोई कॉन्ट्रैक्ट था न ही नौकरी। वो दिन-रात अपने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए मेहनत करते रहे। हालांकि, खर्च चलाने के लिए उन्होंने एक से ज्यादा नौकरियां की।

उन्होंने उस दौरान पांच नौकरियां करनी पड़ी। एलिस ने कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी की, लैंडस्केपिंग कर्मचारी के तौर पर काम किया। उन्होंने घर के फर्नीचर को हटाने वाले के रूप में काम किया, लेकिन एलिस के अनुसार उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी सेल्समैन के तौर पर हुई। वो घर-घर सामान बेचने जाया करते थे। वह बताते हैं,

 ‘” मैंने कई बोरिंग और खराब नौकरियां की हैं। लेकिन, सेल्समैन के रूप में लोगों के घर का दरवाजा पीटना सबसे बुरा था। “

मैं सबके घर सुबह जाता था। उस समय ज्यादातर वही लोग होते, जो बीमार हैं या जिनके बच्चे हैं। ऐसी स्थिति में लोग सुबह सुबह परेशान होकर मेरे चेहरे पर दरवाजा बंद कर दिया करते थे। मैं वो नौकरी ही दिन में आठ घंटे अपने चेहरे पर गेट बंद होने के लिए करता था।’ वे बताते हैं कि मजदूर के रूप में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करना भी मुश्किल था।बॉलर के रूप में ट्रेनिंग करना और फिर मजदूरी करने से शरीर थक जाया करता था। वह कहते हैं कि उन्होंने मजदूरी का काम इसलिए चुना क्योंकि वो शाम से पहले खत्म हो जाया करती थी और उनके पास तस्मानिया के साथ ट्रेनिंग करने का बहुत समय हुआ करता था।

हालिया कुछ सालों में एलिस ने अपने प्रदर्शन की वजह से दुनिया की कई क्रिकेट लीग में नाम बनाया है। उन्हें ऑस्ट्रेलियाई लीग बिग बैश लीग में होबार्ट हरिकेंस और इंग्लैंड की लीग द हंड्रेड में लंदन स्पिरिट्स से खेलने का मौका भी मिला। एलिस का करियर किस्मत के इर्द गिर्द रहा है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का मौका तब मिला, जब भारत के खिलाफ केन रिचर्डसन चोटिल हुए। राजस्थान के खिलाफ भी रबाडा के मैच के लिए तैयार न होने की स्थिति में ही उन्हें खेलने का मौका मिला था।