शिवपाल की एंट्री करने की देर थी कि बदल गए सियासी समीकरण !

शिवपाल सिंह यादव सिर्फ नेता ही नहीं वो अभिवावक है जिसको देखते ही बिगड़े बच्चे सुधर जाते हैं और सुधरने के बाद सीधी राह पर आ जाते हैं  मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल सिंह ने जो कमाल किया था ठीक वैसा ही जादू कानपुर में फेर दिया जिसने सारे सियासी समीकरण और वोटों के गुणा भाग को धराशाई कर दिया जब तक शिवपाल सिंह यादव ने कानपुर में एंट्री नहीं ली थी तब तक बीजेपी की हवा है का दावा किया जा रहा था लेकिन चाचा ने एंट्री ली तो फिर साइकिल के तूफान का चर्चा होने लगा है शिवपाल सिंह यादव ने इस मौके पर ऐसे ऐसे नेताओं को साथ लिया जो एक बड़ा फैक्टर जीत के लिए साबित हो सकते हैं जो टिकट न मिलने से नाराज थे चाचा ने उनको भी साथ लाकर बड़ी जीत पहले ही हासिल कर ली ऊपर से मौजूदा मेयर की कुंडली खंगाली तो फिर हंगामा और ज्यादा बरपा दिया !

दरअसल कानपुर से सपा की मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेई के केंद्रीय कार्यालय का गुंजन टाकीज के पास उद्घाटन हुआ जिसका उद्घाटन करने शिवपाल सिंह यादव कानपुर पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने इस मौके पर जनता से अपील की कि इस बार कानपुर नगर निगम में इतिहास रचा जाए और पहली बार सपा की मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेई को जिताया जाए शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी को चारों खाने चित्त करने की जरूरत है इसकी शुरुआत मेयर के चुनाव से की जाए इसके बाद साल 2024 और 2027 के चुनावों में बीजेपी के मंसूबों को नाकामयाब करना होगा देर शाम 6.30 बजे केंद्रीय कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि यहां की जुल्मी सरकार सपा कार्यकर्ताओं की आवाज को दबा नहीं सकती उन्होंने कहा कि कानपुर की मेयर ने जबरदस्त भ्रष्टाचार किया है और इसे हटाने के लिए सपा प्रत्याशियों को जिताना होगा !

सपा नेता ने कहा कि मुश्ताक सोलंकी के बेटे इरफान ने कभी हार नहीं मानी हमें हत्यारी, जुल्मी सरकार और भ्रष्टाचारी महापौर को हटाना होगा कानपुर के लोगों ने इतिहास बनाया है इसलिए कानपुर के लोग इतिहास बनाएं और सपा के प्रत्याशी को जीतना ही होगा इस मौके पर सपा विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी और इरफान की मां खुर्शीदा बेगम भी मंच पर वंदना बाजपेई का समर्थन करती दिखीं वहीं पूर्व सांसद और लेफ्ट नेता सुभाषिनी अली ने भी सपा का हाथ मजबूत करने और वंदना बाजपेई को जिताने का आह्वाहन किया शिवपाल सिंह यादव ने एंट्री ली तो फजाओं का रुख बदल गया और बदले रुख के साथ सत्ताधारियो के माथे पर भी शिखन देखने को मिली अब देखना ये है कि चाचा ने जो दावे किए हैं क्या वो सही साबित होते हैं या नहीं