प्रियंका गांधी और मायावती की मुलाकात ने काट दिया हंगामा, मोदी सोच रहे थे कि माया अलग रहेंगी!

मायावती ने उत्तर प्रदेश के साथ साथ देश की सियासत में ऐसा गदर काटा है कि अब बीजेपी वाले इस गदर के शोर से कहीं बहरे न हो जाएं। एकला चलो रे की राह पर चल रहीं मायावती और कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी की मुलाकात क्या हुई कि अब हर तरफ हल्ला मचा हुआ है। मायावती को अच्छे से पता है कि किस वक्त कौन सी रग दबानी है और कैसे सियासी दलों से अपना काम निकलवाना है।  सही वक्त पर सही चोट करना कोई मायावती से सीखे। लेकिन अब हालत बीजेपी की सबसे ज्यादा खराब है। बीजेपी जैसे ही अपनी रणनीतियों को पूरा करके लागू करने की तैयारी करती हैं कि तभी कोई न कोई नेता ऐसा कुछ कर देता है कि बीजेपी की सारी रणनीतिया होम वर्क मांगने लगती है।अब यही हाल मायावती ने कर दिया है।

2024 लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का लामबंद होना लगातार जारी है और इंडिया गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा दलों को शामिल किया जा रहा है।लेकिन हर किसी के जहन में एक ही सवाल था कि आखिर मायावती का क्या होगा और मायावती एकला चलो रे की राह पर क्यों हैं, तो अब इन सवालों का जवाब मिल गया है और जवाब के साथ साथ सबूत भी मिल गया है।विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में बीएसपी को लाने के अंदरखाने प्रयास किए जा रहे हैं। सब कुछ इसी तरह से चलता रहा तो पांच राज्यों के चुनाव के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।इसमें कांग्रेस सूत्रधार की भूमिका में हैं।कवायद के तहत दोनों ओर के प्रथम परिवारों के बीच कई राउंड की बातचीत भी हो चुकी है।

लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।बीएसपी को साथ लाने की कोशिशें उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था।तब ये बातचीत अपने मुकाम तक तो नहीं पहुंच सकी थी लेकिन तब से दोनों के बीच संवाद बना हुआ है।राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी और बीएसपी सुप्रीमों मायावती के बीच मुलाकात भी हो चुकी है।बीएसपी की ओर से अब नेतृत्व के पारिवारिक हो चुके एक पूर्व सांसद की भी इसमें अहम भूमिका बताई जा रही है।

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