लालू परिवार में रार,बेटे ने बनाई अलग पार्टी!

पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक नया संगठन बना लिया है। शिक्षक दिवस पर राजधानी पटना में अपने घर पर एक कार्यक्रम में उन्होंने इस बारे में बताया। कहा कि उन्होंने इसका नाम छात्र जन शक्ति परिषद रखा है, जबकि वह खुद इसके प्रमुख बने हैं। तेजप्रताप के मुताबिक, इसका गठन छात्रों के मुद्दों को लेकर संघर्ष करने के लिए किया गया है।

गर्म मिजाज वाले सूबे के पूर्व कैबीनेट मंत्री ने इस दौरान पत्रकारों को बताया, “राजद को सशक्त करने के लिए यह नया सामाजिक संगठन बनाया गया है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून और बेरोजगारी सरीखे अहम मुद्दों को उठाने का काम करेगा।” बकौल तेजप्रताप, “हम इसके जरिए बिहार में नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जो दूसरे राज्यों तक भी पहुंचेगा। छात्र राजद अलग काम करेगा, जबकि यह दूसरी तरह से चलेगा। यह अलग काम करेगा। हमने इसे पंजीकृत कराया है।”

रोचक बात है कि तेज प्रताप ने यह संगठन ऐसे वक्त पर गठित किया है, जब प्रदेश राजद प्रमुख जगदानंद सिंह से उनके संबंध ठीक नहीं हैं। कुछ रोज पहले ही दोनों के बीच सियासी खटपट खुलकर सामने आ गई थी। वैसे, लालू के बड़े बेटे की ओर से साफ किया गया है कि उनका यह छात्र संगठन राजद का ही हिस्सा माना जाएगा और इसका मुख्य उद्देश्य पार्टी को मजबूत करते हुए उसमें नई जान फूंकना होगा।


इसी बीच, बीजेपी ने इस छात्र संगठन को लेकर लालू पर जुबानी हमला बोल दिया। पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि लालू सामाजिक न्याय के मसीहा थे, पर उन्होंने अपने परिवार के साथ कोई न्याय नहीं किया।  राजद सुप्रीमो ने इस बात पर विचार ही नहीं किया कि परिवार में कौन बड़ा है। उन्होंने बड़ी बेटी मीसा भारती और बड़े बेटे तेज को परिवार और सियासत से बाहर रखा, जबकि छोटे बेटे तेजस्वी को राजनीतिक विरासत सौंप दी।

बकौल आनंद, “परिवार में जिसके साथ अन्याय हुआ है वह अपने वजूद के लिए लड़ेगा। तेज प्रताप बार- बार इस कुंठा को व्यक्त करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अब छात्रों के नाम पर अपना नया संगठन बना लिया है, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने खुद अच्छी शिक्षा ठीक नहीं ली है।

बिहार में ये भी सुगुबुगाहट है कि तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच सब कुछ ठीकठाक नहीं है। खुद तेजस्वी अपने बडे भाई तेजप्रताप के आचरण से खुश नहीं है। सूबे की सियासत में विरोधियों से लडने पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं और यही कारण है कि वे पार्टी के अंदर कोई कलह नहीं चाहते।